भिवानी/शशी कौशिक पूर्व मुख्य संसदीय सचिव रामकिशन फौजी ने कहा कि केंद सरकार ने किसान विरोधी तीनों अध्यादेश पारित करके किसानों को तबाह की दलदल में धकेल दिया है। अध्यादेश पारित होने से किसानों के समक्ष खेती से तौबा करने सिवाय और कोई रास्ता नहीं बचेगा। हैरानी की बात यह है कि सरकार ने अवकाश के दिन राज्यसभा के सदस्यों को बुलाकर उक्त बिलों को पारित करवा लिया है। ताकि दूसरी पार्टी के राज्य सभा सदस्य इसका विरोध न कर सके। केंद्र सरकार के इस अध्यादेश से कांग्रेस कतई सहमत नहीं है। वे इसके विरोध में 21 सितम्बर को भिवानी रोष प्रदर्शन करेंगे और राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजेंगे। पूर्व सीपीएस फौजी ने कहा कि विगत में इस अध्यादेश के विरोध में किसान पिपली में प्रदर्शन कर रहे थे। लेकिन पुलिस ने उनकी आवाज को लाठी से दबाने का प्रयास किया। सरेआम किसानों को पीटा गया। शर्म की बात यह है कि आज भी सतारूढ पार्टी के एक मंत्री लाठीचार्ज न होने का दावा कर रहे है। उन्होंने कहा कि तेल के रेट आसमान पर है। उस पर कोई रियायत नहीं दी जा रही है। वहीं किसानों के प्रयोग के बीज व खादों पर जीएसटी लगाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में सफेद मक्खी से कपास की फसल लगभग खत्म हो चुकी है। पर आज तक सरकार ने उनकी फसलों की विेशष गिरदावरी तक करवाने की घोषणा नहीं की है। Post navigation नार्थ वेस्टर्न रेलवे एम्प्लाइज यूनियन का निजीकरण के खिलाफ निकाला जुलूस अध्यादेशों के खिलाफ किसान हुए एकजुट, सरकार का पुतला जलाकर जताया रोष