बिल को लाने से पहले जनता को विस्तार से बताना चाहिए

पंचकूला, 19 सितम्बर। पीपली में किसानों पर हुए लाठीचार्ज पर बोलते हुए पूंडरी से निर्दलीय विधायक रणधीर गोलन ने कहा कि अगर हमारी सरकार किसानों को समझाने में कामयाब होती तो ऐसा नही होता। उन्होंने कहा कि किसी भी बिल को लाने से पहले जनता को उसके बारे में विस्तार से बताना चाहिए। विधायक रणधीर गोलन ने कहा कि मैं खुद किसान होने के नाते ये कहना चाहता हूं कि किसानों पर लाठीचार्ज होना गलत बात है। कृषि विधेयक को लेकर प्रदेशभर में किसानों और आढ़तियों का विरोध प्रदर्शन जारी है। हाल ही में इन विधेयकों पर पूंडरी से बीजेपी विधायक रणधीर गोलन की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों के हित में ये निर्णय लिया है। इससे किसान देश में कही भी अपनी फसल बेच सकते है। उन्होंने कहा कि इस विधेयक के जरिए पहले आढ़ती फसल खरीदता था, लेकिन अब कोई प्राइवेट कंपनी भी सीधा किसानों से फसल खरीद सकती है।

वही कृषि विधेयक पर पृथला विधानसभा से निर्दलीय विधायक नयन पाल रावत ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीनों अध्यादेश निश्चित तौर पर किसानों के हित में है। प्रदर्शनकारी किसान नेताओं पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि ये कांग्रेस समर्थित किसान नेता है। इन्हें प्रदर्शन और विरोध करने से पहले अध्यादेश को अच्छी तरह पढ़ना और समझना चाहिए। नयन पाल रावत ने प्रदेश के सभी किसानों से इन तीनों बिलों को अच्छी तरह से पढ़ने और इसको समझने की अपील की। उन्होंने कहा कि आजादी के 70 साल के समय में किसानों की हालत कांग्रेस के राज में बद से बदतर हुई है, लेकिन जब से केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार और हरियाणा प्रदेश में मनोहर लाल खट्टर की सरकार आई है। तब से उनके कार्यकाल में किसानों को हर प्रकार की सुविधा जल्द से जल्द दिए जाने के प्रयास और कार्य किए जा रहे है।

नयन पाल रावत ने किया मनोहर लाल मंत्र का जाप

उन्होंने कहा कि कोरोना काल में भी हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और हरियाणा सरकार की सूझबूझ से किसानों की फसल को सुचारू रूप से लिए जाने और उनको किसी दिक्कतों का सामना न करना पड़े। रावत ने कहा कि प्रदेश में हो रहे ये विरोध प्रदर्शन कांग्रेस द्वारा संचालित है। कांग्रेस किसानों को गुमराह करने का काम कर रही है। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की राज्यपाल से मुलाकात पर प्रतिक्रिया देते हुए रावत ने कहा कि ये केवल एक राजनीतिक स्टंट है। जो कि किसानों को बहकाने का एक तरीका है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की किसानों के लिए पॉलिसी थी कि उन्हें बंधक की तरह रखा जाए। उन्होंने कहा कि इन तीनों अध्यादेशों से 70 प्रतिशत छोटे किसानों को विशेष लाभ होगा और छोटे किसानों सहित सभी किसान अपनी फसल कहीं भी बेच सकेंगे।

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