19 सितंबर 2020 , स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने यह कहकर मोदी जी की चापलूसी में सभी सीमाएं लांघी कि अभी तक किसान गुलामी के दौर में जी रहे थे और मोदी जी ने कृषि बिल लाकर किसानों को आजादी दिलवाई1 विद्रोही ने कहा आजादी आंदोलन में अंग्रेजों की गुलामी करने वाले संघीयो के लिए भारत 15 अगस्त 1947 को आजाद होने की बजाय 28 मई 2014 को भारत आजाद हुआ, जब मोदी जी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी1 जो गुलाम संघी 2014 के बाद से ही देश को आजाद मानने की बात करते हो ऐसे अंग्रेजों के गुलाम संघीयो की मानसिक दशा का सहज अनुमान लगाया जा सकता है1 जिस किसान ने देश को अनाज में आत्मनिर्भर बनाकर आज 140 करोड भारतवासियों की पेट की आग बुझाने का समुचित प्रबंध किया उस अन्नदाता किसान को कोई मानसिक रोगी संघी ही गुलाम बताने की हिमाकत कर सकता है1 विद्रोही ने कहा कि ऐसी ही बेसुरा राग हरियाणा का जुमला मंत्री अनिल विज भी अलाप रहे हैं1 विज का तो यहां तक कहना है कि जब पिपली-कुरुक्षेत्र में किसानों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया ही नहीं तो जांच किस बात की करवाऊं? जुमला मंत्री भी ठीक कह रहे हैं उनके अनुसार तो किसान तो गुलाम थे1 और गुलामों पर पुलिस लाठीचार्ज भी हो तो उसे लाठी चार्ज कैसे माना जा सकता है? क्योंकि मनुवादी विचारधारा के संघीयो अनुसार गुलामों पर लाठीचार्ज करना, पीटना, उन्हें अपमानित करने का पैदाइशी अधिकार है1 फिर लाठी चार्ज कैसे हुआ और जांच किस बात की? विद्रोही ने कहा यदि हरियाणा के गृह मंत्री के द्वारा बार-बार पिपली में किसानों पर हुए लाठीचार्ज को नकारने बाद भी यदि दुष्यंत चौटाला में जरा भी लोकलाज बची है तो वे तत्काल भाजपा खट्टर सरकार से त्यागपत्र दे1 जब सरकार के उपमुख्यमंत्री के किसानों पर हुए लाठी चार्ज होने व उस लाठीचार्ज की जांच की बात को उसी सरकार का गृह मंत्री उनकी बात को नकारकर बार-बार बयान देकर लाठीचार्ज हुआ ही नहीं तो जांच किस बात की कहने की हिमाकत कर रहा हो, ऐसे में सहज अनुमान लगा ले हरियाणा सरकार में उपमुख्यमंत्री की वास्तविक हैसियत क्या है? और संघी गुलाम कौन है और हरियाणा का सरकार का असली मालिक कौन है? Post navigation कृषि अध्यादेशों के चक्कर में सरकार हुई दो फाड़ हरियाणा सरकार की परीक्षा है ?