चंडीगढ़। हरियाणा के गृहमंत्री के क्षेत्र अंबाला में घटे ताजा घटनाक्रम में भी यही मामला सामने आया है। यहां पुलिस अधीक्षक ने पेटियों में गुजरात भेजी जा रही शराब पकड़ी तो गृहमंत्री ने सवाल जवाब किया। पता चला कि सीआईडी को इसकी भनक नहीं थी। ऐसे में सीआईडी पर निर्भरता खत्म कर पुलिस को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कहा गया है। 

हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज आज पंचकूला के सेक्टर 6 में स्थित हरियाणा पुलिस मुख्यालय पहुंचे। अनिल विज के पहुंचते ही पुलिस मुख्यालय में हड़कंप मच गया। विज ने कार्यालय में कई दस्तावेजों को खंगाला। एडीजीपी ए एस चावला के कार्य में लापरवाही को लेकर जानकारी मिली थी। गृहमंत्री डायल 112 का प्रोजेक्ट सिरे न चढ़ने व देरी से नाखुश थे। उन्होंने ADGP ए एस चावला से सभी चार्ज लिए। गृहमंत्री ने कहा डायल नम्बर 112 का कार्य एक साल से लंबित था। तुरंत प्रभाव से ADGP ए एस चावला से सभी चार्ज वापिस लिए। वे सिर्फ कार्यालय आएंगे लेकिन कोई कार्य नहीं करेंगे।

बता दें कि हरियाणा में खुफिया जानकारी के लिए सीआईडी पर निर्भर रहने वाली पुलिस को गृह मंत्री अनिल विज ने आत्मनिर्भर बनाने के आदेश दिए हैं। सीआईडी और पुलिस में तालमेल की कमी के चलते यह आदेश दिए गए हैं, इसलिए लंबे समय से थानों में टिके हुए सिक्योरिटी एजेंट अब बदले जाएंगे। सभी पुलिस अधीक्षकों को गृह विभाग के माध्यम से यह आदेश दे दिए गए हैं। थानों में मौजूद ये सिक्योरिटी एजेंट सीधे एसपी को रिपोर्ट करते थे। 

आमतौर पर जिलों में सीआईडी के पदाधिकारी प्रेस कांफ्रेंस, राजनीतिक गतिविधियों और लोगों में उठ बैठ कर प्रदेश में होने वाले घटनाक्रम के बारे में सरकार को सूचना देते हैं। इस सूचना में यह भी जानकारी रहती है कि प्रदेश में राजनीतिक घटनाक्रम क्या चल रहा है। धरना प्रदर्शन और जलसों में कितनी भीड़ जुटेगी। इसके आधार पर पुलिस पहले से ही मुस्तैद हो जाती है और व्यवस्था चाक चौबंद हो जाती है।

लंबे समय से थानों में टिके ये एजेंट अब नकारा हो चुके हैं। इसकी शिकायतें समय-समय पर गृह विभाग के पास आ रही थीं। इसके बाद विभाग ने यह कदम उठाया है। अवैध शराब, नशे की खेप, सट्टा और कई मामलों में अपराध होने से पहले की भनक भी पुलिस अधीक्षकों को इनके माध्यम से हो जाती थी, जिसमें पुलिस सक्रिय भूमिका निभाते हुए अपराधियों को दबोच लेती थी।  

गृहमंत्री को पंचकूला के विषय में भी रिपोर्ट मिली है। पंचकूला में होने वाले धरने प्रदर्शन के कारण आए दिन हाउसिंग बोर्ड का चौक जाम रहता है और ट्रैफिक डायवर्ट करने से जनता को परेशानी होती है। चंडीगढ़ पुलिस अपनी तरफ से बैरिकेड लगाकर रास्ता रोक देती है, जबकि पहले ऐसा नहीं था। हाउसिंग बोर्ड चौक पर पहुंचने से पहले ही चंडीगढ़ की तर्ज पर प्रदर्शनकारियों को मेला ग्राउंड में रोक दिया जाता था। 

गृहमंत्री ने कहा है कि थानों में जो नए सिक्योरिटी एजेंट तैनात होंगे वे पूरी तरह से हाईटेक होंगे। पुराने ढर्रे पर चल रहे सूचना इकट्ठा करने के काम को उन्हें नए ढंग से इकट्ठा करना सिखाया जाएगा। सूचना प्रौद्योगिकी के बढ़ रहे दखल से अवगत करवाते हुए उन्हें थानों में तैनाती दी जाएगी। मसलन अवैध शराब, नशे के कारोबार, सट्टा और नकली शराब जैसे कारोबार की सूचना उन्हें तत्काल मिले और पुलिस ऐसे संगठित अपराध पर नकेल कस सके।

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