पंजाब की तरह 3 कृषि क़ानूनों को ख़ारिज करे हरियाणा सरकार, सदन में की जाए चर्चा- हुड्डा
C2 फार्मूले पर MSP की गारंटी के बिना क़ानून थोपना सरकार की तानाशाही- भूपेंद्र सिंह हुड्डा
किसान नेताओं से बात करने की बजाए सरकार उन्हें कर रही है बार-बार बेइज्जत और गिरफ्तार- हुड्डा
हरियाणा में लागू नहीं होने देंगे तीनों क़ानून, बड़े से बड़ा आंदोलन करने के लिए हम तैयार- हुड्डा
बीजेपी-जेजेपी ने की तानाशाही तो कांग्रेस सरकार आते ही खारिज किए जाएंगे तीनों क़ानून- हुड्डा

16 सिंतबर, कुरुक्षेत्रः किसानों के मुद्दों को लेकर लगातार सक्रिय पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा आज एकबार फिर कुरुक्षेत्र पहुंचे। यहां उन्होंने किसान, मजदूर और आढ़तियों से मुलाक़ात की। इस मौक़े पर हुड्डा ने कहा कि बिना किसानों की सहमति के उनपर 3 काले क़ानून थोपना तानाशाही है। कांग्रेस हर स्तर पर तीनों क़ानूनों का विरोध करेगी। इसके लिए बड़े से बड़ा आंदोलन करना पड़ा तो कांग्रेस करेगी। कांग्रेस द्वारा राज्यपाल से मुलाक़ात कर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग की जाएगी। नेता प्रतिपक्ष का कहना है कि हरियाणा सरकार पंजाब की तरह विधानसभा का सत्र बुलाकर किसान विरोधी तीनों क़ानूनों को सिरे से ख़ारिज करे। क्योंकि स्वामीनाथन के सी2 फार्मूले वाली MSP के 3 नए कृषि क़ानून किसान को मंज़ूर नहीं है। इसलिए सरकार को इसमें MSP की गारंटी का प्रावधान जोड़ना चाहिए। अगर वो ऐसा नहीं करती है तो पंजाब सरकार की तरह इसे पूरी तरह खारिज कर देना चाहिए। इस मौक़े पर नेता प्रतिपक्ष ने कि अगर सरकार ने अपनी तानाशाही जारी रखी तो प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते ही इन काले क़ानूनों को ख़त्म किया जाएगा।

हुड्डा लगातार प्रदेश की अनाज मंडियों का दौरा कर रहे हैं। इसी कड़ी में आज उन्होंने घरौंडा और करनाल अनाज मंडियों का दौरा किया। इसके बाद उन्होंने कुरुक्षेत्र में पत्रकार वार्ता को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश की सभी पार्टियों और किसान संगठनों को एक सुर में किसान विरोधी फ़ैसलों का विरोध करना चाहिए। लेकिन बीजेपी किसानों में फूट डालने और मुद्दे को भटकाने की कोशिश में लगी है। किसान नेताओं से बात करने की बजाए उन्हें बार-बार बेइज्जत और गिरफ्तार किया जा रहा है। कांग्रेस की सरकार के दौरान भी किसान अपनी मांगों को लेकर आवाज़ उठाते थे। उस वक्त किसानों से बात करके हमेशा उनकी समस्या का समाधान करने की कोशिश की जाती थी। लेकिन इस सरकार में किसान की आवाज़ को लाठियों से दबाया जाता है। किसान और पूरा हरियाणा किसान पर लाठियां बरसाने वाली इस गठबंधन सरकार को कभी माफ़ नहीं करेगा। अन्नदाता पर चलने वाली हर लाठी सरकार की ताबूत में कील का काम करेगी।

हुड्डा ने कहा कि आज प्रदेश का किसान फसलों के उचित दाम मांग रहा और सरकार MSP से ही पीछा छुड़वाना चाहती है। सरकार महंगाई और किसान की लागत तो लगातार बढ़ा रही है, लेकिन MSP में बढ़ोतरी करने को तैयार नहीं है। जबकि कांग्रेस सरकार के दौरान अलग-अलग फसलों के MSP में रिकॉर्ड 2 से 3 गुना की बढ़ोतरी हुई थी।

आपको बता दें कि हुड्डा सरकार के दौरान गेंहू की MSP करीब ढाई गुणा बढ़कर 600 से बढ़कर 1425 रुपये हुई थी। गन्ने का भाव 117 से करीब 3 गुणा बढ़ाकर 310 रुपये किया गया था। किसान को 15वें दिन पेमेंट कर दी जाती थी। जबकि बीजेपी सरकार में गन्ने का दाम 20-30 रुपये ही बढ़ा है और किसान को कई महीनों तक पेमेंट नहीं मिलती है। हुड्डा सरकार आते ही 1600 करोड़ के किसानों के बिजली बिल और 2200 करोड़ के कर्ज़ माफ़ किए थे। इसके अलावा केंद्र सरकार ने भी देश के किसानों के 70 हज़ार करोड़ के कर्ज़ माफ़ किए थे।

पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा कुरुक्षेत्र से पहले घरौंडा, करनाल की मंडियों का दौरा करने पहुंचे थे। यहां उनसे मिलने आए किसान, मजदूर और आढ़तियों ने बताया कि आज प्रदेश का हर वर्ग उनके कार्यकाल की किसान हितैषी नीतियों को याद कर रहा है। लोगों ने अभी से मन बना लिया है कि जितनी जल्दी हो सके जनता विरोधी इस गठबंधन सरकार को उखाड़ फैंकना है। हुड्डा ने कुरुक्षेत्र में भी एक पत्रकार वार्ता को संबोधित किया।

इस मौक़े पर उनके साथ हरमोहिंदर चठा ,पूर्व स्पीकर कुलदीप शर्मा, अशोक अरोड़ा ,पूर्व मंत्री जयप्रकाश, विधायक अफताब अहमद , विधायक बीबी बतरा, गीता भुक्कल, राव दान सिंह,मेवा सिंह ,वरुण मुलाना,अमित सिहाग, मामण खान,शकुन्तला खटक,सुरेन्द्र पवार,जयबीर बाल्मीकि, बलबीर बाल्मीकि, कुलदीप वत्स, बीएल सैनी, सुभाष देशवाल , इलियास मोहमद आदि विधायकों के साथ कई कार्यकर्ता मौजूद रहे ।