चंडीगढ़,14 सितंबर। हरियाणा शिक्षक संघर्ष समिति के संयोजक धर्मेन्द्र पहलवान ने बताया की पहली अक्टूबर को मुख्यमंत्री ने समिति को बातचीत के लिए आमंत्रित किया है। इस मीटिंग में बर्खास्त निर्दोष पीटीआई साबित करेंगे की अगर सरकार माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा रिक्त पदों बारे मांगी गई जानकारी गलत नहीं देते तो पीटीआई सड़कों पर धक्के नही खा रहे होते। उन्होंने कहा कि अगर सरकार की नीयत साफ हो तो सुप्रीम कोर्ट का फैसला भी लागू हो सकता है और 1983 बर्खास्त पीटीआई की सेवाएं भी बहाल हो सकती है। उन्होंने बताया कि अगर  पहली अक्टूबर को मुख्यमंत्री ने बर्खास्त पीटीआई को बहाल करने का कोई ठोस आश्वासन नही दिया तो 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी जयंती पर बर्खास्त पीटीआई जनता की अदालत में जाएंगे। कार्यक्रम के अनुसार होडल, नांगल चौधरी,डबावली व कालका से एक साथ चार कर्मचारी जत्थे चलाएं जाएंगे। यह जत्थे गांवों, शहरों व कस्बों में जन सभाओं का आयोजन करेगें और यह जत्थे सरकार की नीतियों की पोल खोलते हुए गोहाना में पहुंच कर समापन करेंगे और वही से बड़े आंदोलन की घोषणा की जाएगी।

बर्खास्त पीटीआई में विधवाएं, शौर्य चक्र विजेता व नेशनल लेवल के खिलाड़ी

धर्मेन्द्र पहलवान ने कहा कि बर्खास्त किए गए पीटीआई में 38 की मृत्यु हो चुकी है और सरकार ने उनकी विधाओं को मासिक वित्तीय सहायता भी सरकार ने बंद कर दी है। 25 महिला पीटीआई  इन दस सालों में  विधवा हो चुकी है। बर्खास्त पीटीआई में 57 एक्स सर्विसमेन है,67 पुलिस, रेलवे व नेवी जैसे दुसरे विभागों की नौकरी छोड़ कर आए थे। 34 बर्खास्त पीटीआई जानलेवा बिमारियों से पीड़ित हैं। 20 रिटायर हो चुके हैं और बर्खास्त पीटीआई में 80 प्रतिशत की आयु 45 से 55 के बीच में है। दिलबाग सिंह जाखड़ शौर्य चक्र विजेता है। करीब 250 एनआईएस यानी खेल कोच लगाने के पात्र हैं और करीब 300 नेशनल स्तर पर खेल चुके हैं। अनिल मलिक बर्खास्त पीटीआई जींद के नेतृत्व में महिला एवं पुरुष की बास्कीटवाल अंडर 19 की टीम ने 19 साल बाद गोल्ड मेडल जीतने में सफल रही। उनको भी नौकरी से निकाल दिया गया है।

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