आखिर कौन बन गया है आपदा काल में खलनायक.
नया फरमान लघु सचिवालय से खाली करो कमरा.
बीते काफी अधिक समय से यही हैं दमकल कार्यालय

फतह सिंह उजाला

पटौदी ।   कोरोना कोविड-19 महामारी के चलते राष्ट्रीय आपदा घोषित किया गया है । सीधे सरल शब्दों में बेशक से लॉक डाउन के बाद अनलॉक का चैथा चरण चल रहा है, लेकिन फिर भी राष्ट्रीय आपदा काल समय पूरी तरह से सरकार के द्वारा समाप्त करने के कोई आदेश भी जारी नहीं हुए हैं। ऐसे में पटौदी विधानसभा क्षेत्र में उपलब्ध एकमात्र दमकल विभाग और इसके कर्मचारी क्यों और किन कारणों से किरकिरी बने हैं ? यह बहुत बड़ा सवाल बन गया है ।

जैसे ही कोरोना कोविड-19 महामारी का प्रकोप फैला उसी दौरान हेलीमंडी नगर पालिका ने खर्च और खर्च की रिकवरी का हवाला देते हुए दमकल विभाग के वाहन के खर्च से अपना पीछा छुड़ाने के लिए पटौदी के एसडीएम को पत्र लिखा। इससे पहले तत्कालीन एसडीएम रविंद्र यादव के द्वारा हेलीमंडी नगर पालिका प्रशासन को ही पटौदी क्षेत्र की एकमात्र दमकल गाड़ी और कर्मचारियों के रहने की व्यवस्था करने के लिए निर्देश दिए गए थे । इसके बाद कर्मचारी हेलीमंडी नगर पालिका में ही पालिका चेयरमैन के आवास के लिए आरक्षित खंडहर नुमा स्थान पर जहां आजकल पालिका का कथित गोदाम है, वहां पर जैसे-जैसे अपना कार्यालय चलाते रहे । इसके बाद हालात ऐसे बने कि पटौदी के पुराने नागरिक अस्पताल परिसर के आवासीय क्षेत्र में एक कमरा दे दिया गया । जबकि वाहन पटौदी के लघु सचिवालय परिसर में खड़ा रखा जाने की व्यवस्था की गई । आज भी दमकल विभाग का वाहन लघु सचिवालय परिसर में ही 24 घंटे सेवा के लिए तत्पर उपलब्ध रहता है।

इसके बाद फिर हालात बदले और दमकल विभाग के कर्मचारियों को पटौदी के निवर्तमान एसडीएम के द्वारा लघु सचिवालय परिसर में ही कार्यालय के लिए एक कमरा उपलब्ध करवाया गया । यह वही कमरा है जहां पर बीते करीब कथित रूप से 2 वर्ष से दमकल विभाग के कर्मचारी अस्थाई रूप से अपना कार्यालय चलाते आ रहे हैं । इसी कार्यालय में ही दमकल विभाग को सूचना देने के लिए टेलीफोन भी लगे हुए हैं । अब नया विवाद एक बार फिर से उभर कर आ गया है , वह भी ऐसे समय जब राष्ट्रीय आपदा काल घोषित है और अधिकारियों ने यह ध्यान भी नहीं रखा की डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत आपात सेवाओं के साथ छेड़छाड़ सहित बिना सरकारी आदेश के दखल डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट की अवहेलना के दायरे में शामिल सहित दंडनीय अपराध की श्रेणी में आता है। अधिकारियों ने यह ध्यान भी नहीं रखा कि डिजास्टर मनेजमेंट एक्ट के तहत आप आप सेवाओं की उपलब्धता जनहित में बहुत जरुरी है । इन से छेड़छाड़ किया जाना  डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट की अवहेलना किया जाने के बराबर है।  

ताजा मामले में उपलब्ध जानकारी के मुताबिक पटौदी के एसडीएम कार्यालय के द्वारा पटौदी के ही तहसीलदार को आदेश दिए गए हैं कि पटौदी लघु सचिवालय में स्थित कमरा नंबर 208 खाद्य एवं आपूर्ति विभाग को अलाट किया गया है । वही कमरा नंबर 208 को संबंधित पटवारी से खाली करवा कर कमरा नंबर 115 में स्फ्टि करवाया जाए । साथ ही कमरा नंबर 208 खाली होने पर एसडीएम कार्यालय को सूचना दी जाए । इस पत्र की एक कापी हेलीमंडी स्थित सहायक खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले अधिकारी को भी भेजी गई है ।

इस पूरे मामले में आरंभिक आदेश एसडीएम कार्यालय के द्वारा 28 अगस्त को जारी किए गए । इसके बाद  में 7 सितंबर को कानूनगो के द्वारा नियमानुसार कार्य कार्यवाही करने के निर्देश जारी किए गए। इसके बाद 11 सितंबर को हल्का पटवारी नरहेड़ा को संबंधित आदेशों की तत्काल पलना करने के निर्देश दिए गए हैं।  लघु सचिवालय परिसर में ही जहां दमकल विभाग का वाहन खड़ा रहता है और यहीं पर ही दमकल विभाग का कार्यालय बीते काफी समय से और कर्मचारी काम कर रहे हैं, लाख टके का सवाल यही है कि क्या बीते करीब दो वर्ष से तमाम अधिकारी अपनी आंखों पर पट्टी बांधे हुए हैं कि उन्हें यही नहीं मालूम पटौदी का दमकल विभाग कार्यालय और कर्मचारी कहां बैठकर काम कर रहे हैं ? इससे भी बड़ा सवाल यह है कि ऐसी क्या आप इमरजेंसी हालात आ गई कि घूम फिर कर पटौदी का एकमात्र दमकल विभाग और इसके कर्मचारी सहित वाहन ही सभी की आंखों में कांटा बना हुआ है ? जबकि कथित रूप से आज भी तीन मंजिला पटौदी लघु सचिवालय में कई कमरे खाली बताए जा रहे हैं तो क्या यह कमरे अब संबंधित कार्य अथवा पटवारी या खाद्य आपूर्ति के लिए अनुपयोगी हैं ?  यह भी अपने आप में एक बड़ा सवाल बन गया है।

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