फर्रुखनगर -डाबोदा रोड़ खडढों में तबदील.
अधिकारी की कुम्भकरणी नींद नहीं खुल रही

फतह सिंह उजाला    
पटौदी। 
 सरकार सडकों का जाल बिछा कर गांव से गांव और शहर से शहर जोडने की मुहिम में जुटी हुई है। वहीं फर्रुखनगर में डाबोदा मोड पर चोडीकरण के नाम पर करीब  डेढ़ वर्ष पूर्व तैयार की गई सड़क की रोडियां बिखरने लगी है। जगह जगह से टूटी सड़क के कारण दुर्घटनाओं का हब बनती जा रही है। बार बार शिकायतों के बाद अधिकारी केवल थैकली लगा कर इति श्री कर जाते है। जो चंद दिनों में फिर वहीं हालत हो जाती है। जिसके चलते वाहन चालकों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है।
मार्केट कमेटी के पूर्व चेयरमैन राव मानसिंह, जिला परिषद के उप प्रमुख संजीव राव, एडवोकेट कुलदीप यादव, एडवोकेट मनोज यादव डाबोदा, सरपंच नीता यादव डाबोदा, लक्ष्मण यादव, सरपंच धनीराम आदि ने बताया कि करीब डेढ़ वर्ष पहले सरकार द्वारा फर्रुखनगर सड़क को डाबोदा मोड तक चोडा करके बीच में लोहे की ग्रील लगाई थी। ताकि क्षेत्र के लोग सुगम सफर का आनंद ले सके। लेकिन कुछ महीने बाद ही सड़क बीच सं धंसने लगी और शिकायतों के बाद अधिकारी मौका देखकर लीपा पोंती करके चले जाते है। यह सड़क सबसे ज्यादा व्यस्त रहती है।

डाबोदा मोड से एक खेडा खुर्रमपुर वाया महचाना- हेलीमंडी और दूसरी खंडेवला टू हेलीमंडी जुडी हुई है। मोड पर दो वेयर हाउस बने है जिसमें सैंकडों की तायदाद में लडकिया और महिलाएं कार्य करती है। चैक पर हाईमास्ट लाइन लगनी अति आवश्ह है। फर्रुखनगर से डाबोदा मोड तक सड़क चैडी है और दोनों गांव के संगम स्थल पर सिंगल सडक होने के कारण दुर्घटनाएं बढ़ रही है। इसलिए दोनों सड़कों पर गति रोध लगाए जाये। उन्होंने बताया कि इतना ही नहीं इसी मार्ग पर पूर्व परिवहन मंत्री चैधरी नारायण सिंह की कोठी के समींच सड़क के बीच में जानलेवा खडडे बने हुए है। बार बार शिकायतों के बाद सड़क की मरम्मत और खडडों को भरा नहीं जा रहा है।

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