चंडीगढ़, 11 सितंबर- हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री जे पी दलाल ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान औद्योगिक एवं अन्य वाणिज्यिक गतिविधियां बंद होने से जब देश की अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हो गई थी, तो कृषि ही ऐसा क्षेत्र था, जिसने अर्थव्यवस्था को जिंदा रखा।

श्री दलाल आज आत्म निर्भर भारत अभियान के तहत घोषित कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर फण्ड का उपयोग तथा केन्द्र सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र में सुधार लाने के लिए लाए गये तीन अध्यादेशों पर आयोजित एक वैबिनार में बोल रहे थे।

उन्होंने कहा कि उन्हें फक्र है कि देश के अन्नदाता ने आपदा की इस घड़ी में अर्थव्यवस्था को बचाने में अपना योगदान दिया। उन्होंने किसानों से अपील की कि वे अत्याधुनिक तकनीक से खेती करें। आत्मनिर्भर भारत भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का एक विजन है, जिसके तहत कृषि एवं किसान दोनों को आत्मनिर्भर बनाना है। उन्होंने बागवानी विभाग के अधिकारियों से अपील की कि वे फल, सब्जी व फूलों के बीज की हरियाणा के नाम से ब्रांडिंग कर एक नया उत्पाद बनाएं ताकि किसानों को सस्ते व गुणवत्तापरक बीज उपलब्ध हो सकें। उन्होंने कहा कि भले ही यह ब्रांड पीपीपी मोड पर लाया जाए। इसी प्रकार उन्होंने कहा कि मशरूम उत्पादन में भी हरियाणा का नाम देश में है और इसके लिए कोई प्रोसैसिंग प्लांट हरियाणा ब्रांडिंग के नाम से लगाया जाना चाहिए।
श्री दलाल ने कहा कि दूध उत्पादन में भी हरियाणा को आगे लाना है। वीटा को भी अपने ब्रांड को बढ़ावा देना चाहिए और गुजरात के आणन्द अमूल दूध प्लांट का अध्ययन दौरे हरियाणा के दूध उत्पादक किसानों को करवाए जाने चाहिए।

श्री दलाल ने कहा कि सरकार किसान हित में हर निर्णय ले रही है और भविष्य में लेती रहेगी। सरकार की मंशा है कि किसान आत्मनिर्भर हो और इस के लिए योजनाएं बनाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि हाल ही में केन्द्र सरकार के तीन नए अध्यादेशों कृषि उपज वाणिज्य एवं व्यापार (संवर्धन एवं सुविधा) अध्यादेश 2020, मूल्य आश्वासन और कृषि सेवाओं पर किसान (सशक्तीकरण और संरक्षण) समझौता अध्यादेश, 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम, 2020 किसानों की बेहतरी के लिए ही हैं और इसमें एक भी ऐसी लाइन नहीं है, जिससे किसान का अहित हो। उन्होंने विपक्षी पार्टियों से भी अपील की कि वे इन अध्यादेशों पर राजनीति करने से पहले अच्छी तरह से पढ़ लें। लोकतंत्र में जन समर्थन सर्वोपरि है। किसानों से बातचीत के दरवाजे सदैव खुले हैं और किसान हित में यदि कोई सुझाव देगा तो सरकार उसका स्वागत करेगी।

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