पंचकूला। हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री चंद्रमोहन ने पुलिस द्वारा निरपराध और निहत्थे देश के अन्नदाता किसानों पर बर्बरतापूर्ण और अमानवीय ढंग से किए गए लाठी चार्ज की घोर निन्दा करते हुए इसे लोकतंत्र की हत्या बताया है। चन्द्र मोहन ने कहा कि उन किसानों का अपराध यही था कि वे अपने अधिकारों के हनन के प्रति लोकतांत्रिक तरीके से अपनी वेदनाको व्यक्त करने के लिए गुंगी और बहरी सरकार को जगाने के लिए शांतिपूर्वक ढंग से अपनी बात रखना चाहते थे। हरियाणा के इतिहास में यह दिन काले अक्षरों में लिखा जायेगा कि किस प्रकार से प्रदेश भर के किसानों को जगह-जगह बैरीकेडिंग लगाकर रोकागया ताकि वे अपने अधिकारों की मांग न कर सके। उन्होंने कहा कि किसानों पर हुए लाठीचार्ज से भारतीय जनता पार्टी का दोहरा चरित्र जनता के सामने आ गया है। किस प्रकार से वर्ष 2014 से पहले किसानों के लिए स्वामीनाथन आयोग कीरिपोर्ट लागू करने के साथ साथ सन् 2022 तक उनकी आय दोगुनी करने का झांसा दिया गया था, लेकिन अफसोस की बात यह है किना तो स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू की गई और न ही उनकी आय दोगुनी करने के लिए कोई कदम उठाए गए। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से कृषि उपकरणों पर जीएसटी लगाया गया। यूरिया खाद के दाम बढ़ाने के साथ-साथ कट्टे का भार 50 किलो ग्राम से कम करके 45 किलोग्राम कर दिया गया और रही सही कमी डीजल के दाम बढ़ा कर पूरी कर दी गई है। इसके साथ ही किसानों का निवाला छीनने के लिए कृषि संबंधी तीन अध्यादेशों को लाकर उसकी बर्बादी की इबादत लिख दी गई है। किसानों बड़ी कम्पनियों के शिकंजे में फंसाने के लिए यह अध्यादेश लाए गए हैं। इससे जहां न्यूनतम समर्थन मूल्य की बाध्यता समाप्त हो जाएगी वही किसानों के शोषण की शुरुआत हो जाएगी। उन्होंने कहा कि जब तक किसान विरोधी इन अध्यादेशों को वापिस नहीं लिया जाता है, तबतक किसान चुप नहीं बैठेंगे। Post navigation जिस किसान ने लॉकडाउन में भरा देश पेट, उस पर सरकार ने बरसाए आज डंडे-प्रदीप चौधरी किसानों पर दर्ज मुकदमें वापिस ले सरकार-प्रदीप चौधरी