9 सितम्बर 2020. स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि 2014 व 2019 के विधानसभा चुनाव में अपने घोषणा पत्र में हर घर को एक-एक नौकरी देने का वादा करने वाली  हरियाणा भाजपा-खट्टर सरकार का हर घर को एक रोजगार देना तो दूर की बात, अपने कुशासन व कुनीतियों से हरियाणा को बेरोजगारी में देश का सिरमौर बना दिया है।

विद्रोही ने कहा कि कभी हरियाणा पूरे देश के बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए विख्यात था। वहीं हरियाणा भाजपा-जजपा राज में आज 33.5 प्रतिशत बेरोजगारी दर के साथ पूरे देश में बेरोजगारी में हरियाणा नम्बर वन राज्य बन गया। संघीेयों की लूट व झूठ की की नीति ने एक तरह से हरियाणा को आर्थिक रूप से बर्बाद कर दिया। खट्टर जी के विगत छह साल के शासन में उनके सत्ता संभालने के बाद हरियाणा पर तीन गुणा ज्यादा कर्ज बोझ बढ़ गया है। जब खट्टर जी ने अक्टूबर 2014 में सत्ता संभाली थी तो प्रदेश पर लगभग 70 हजार करोड़ रूपये का कर्ज था जो अब छह सालों में बढ़कर 2 लाख करोड़ रूपये हो गया।

विद्रोही ने कहा कि सीएमआईई के अगस्त 2020 आंकडों अनुसार हरियाणा में बेरोजगारी दर 33.5 प्रतिशत है जो पूदे देश में सबसे ज्यादा है। खट्टर सरकार सच स्वीकारने की बजाय सीएमआईई को ही कांग्रेस एजेंट बताकर अपनी जवाबदेही से भाग रही है। जब इसी सीएमआईई के बेरोजगारी के संदर्भ में हरियाणा के आंकडे अच्छे होते थे, तब यही भाजपा खट्टर सरकार इन्ही आंकडों को बताकर अपने विकास का ढिंढौरा पीटती थी और अब बेरोजगारी आंकडों में हरियाणा देश का सिरमौर बन गया है, तब बेशर्मी से सीएमआईई को कांग्रेस एजेंट बताती है। भाजपा-खट्टर सरकार का यह दोगला रवैया अपने आप प्रमाण है कि संघी कितने बड़े झूठे व बेशर्म है।

विद्रोही ने कहा कि सरकारी नौकरियों में एक लाख से ज्यादा स्वीकृत पद रिक्त पड़े है, पर खट्टर सरकार इन पदोंं को भरने के प्रति उदसीन है। सरकार सरकारी भर्ती में पारदर्शिता, मैरिट, ईमानदारी से करने का दमगज्जा मारती है, पर लीक पेपर के आधार पर हुई भर्ती परीक्षाओं को रद्द करने की बजाय उनके रिजल्ट तत्काल जारी करके लीक पेपर के आधार चयनित उम्मीदवारों को तत्काल ज्वाईनिंग करवाती है और जिन परीक्षाओं के पेपर लीक नही हुए, उनके रिजल्ट जारी नही करती है। विद्रोही ने कहा कि सरकार यह रवैया जींवत प्रमाण है कि हरियाणा भाजपा खट्टर सरकार राज में सरकारी भर्तीयों में भारी भ्रष्टाचार व घोटाला है। पारदर्शिता, मैरिट व ईमानदारी से भर्ती का दावा खोखला व झूठा है। 

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