11 सितंबर को आजीविका बचाओ दिवस के रूप में मनाने का निर्णय

चंडीगढ़ 8 सितंबर, प्रदेश ही नहीं देश के अधिकांश प्रांतों में कर्मचारियों की समस्याओं को केंद्र व प्रांत सरकारें नही सुन रही है कर्मचारियों की पीड़ा सुनना तो दूर वर्षों से लंबित मांगों पर भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है कोरोना कॉल मैं कर्मचारियों का धैर्य को सरकार कमजोरी मान रही है सरकार कर्मचारियों को पीड़ा दे रही है कर्मचारी उसी पीड़ा को सहते हुए कोरोना मरीजों की सेवा कर रहे हैं कोरोना मरीजों की सेवा करते हुए हजारों कर्मचारी एवं उनके परिवार के लोग संक्रमित हो चुके हैं कुछ की तो मृत्यु भी हो चुकी है लेकिन खेद है की सरकार उनकी खबर तक नहीं ले रही यह बात बुधवार को भारतीय मजदूर संघ के राष्टÑीय अध्यक्ष सीके सजी नारायण ने राष्टÑीय कार्यकारिणी की वर्चुअल बैठक में विभिन्न प्रांतों के पदाधिकारियों से कही.

भारतीय मजदूर संघ की वर्चुअल बैठक में लगभग सभी प्रांतों के पदाधिकारियों ने बताया कि 50 प्रतिशत रिक्त पदों की वजह से कार्यरत कर्मचारियों का बोझ बढ़ा है उनका कहना है कि अगर सरकार का ऐसा रवैया रहा तो वह काम करना बंद कर देंगे भारतीय मजदूर संघ हरियाणा के प्रांत अध्यक्ष वेद प्रकाश सैनी प्रांत महामंत्री हनुमान गोदारा व प्रांत मंत्री कृष्ण लाल गुर्जर ने बताया कि सरकार आए दिन कोई ना कोई काला कानून लागू कर देश व प्रांत के कर्मचारियों में भय का माहौल पैदा कर रही है भारतीय मजदूर संघ की केंद्रीय कार्यकारिणी में लिए गए निर्णय अनुसार 11 सितंबर को आजीविका बचाओ दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है इसलिए संघ ने श्रमिकों के लिए बनाई गई सभी कल्याण योजना को त्वरित कार्यन्वयन और उनकी आजीविका सुनिश्चित करने के लिए प्रांत भर के तमाम जिलों में विशाल प्रदर्शन करते हुए उपायुक्तों के माध्यम से माननीय प्रधानमंत्री एवं प्रांत के मुख्यमंत्री को मांगों संबंधी ज्ञापन दिए जाएंगे उन्होंने सेवा से बर्खास्त किए गए पीटीआई अध्यापकों को पुण बहाल करके ड्यूटी पर लिया जाए व निजी करण ठेका प्रथा पर अंकुश लगाया जाए,

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