सरकार को जगाने के लिए ताली-थाली बजा रहे हैं युवा, जुमलों की चादर ओढ़कर सो रही है सरकार- सांसद दीपेंद्र 334 योग्य युवाओं में से मिली सिर्फ 1 को नौकरी, कलर्क भर्ती ऊंट के मुंह में जीरा- सांसद दीपेंद्रजेबीटी समेत सभी ख़ाली पदों के लिए भर्ती निकाले सरकार, लटकी हुई भर्तियों को जल्द किया जाए पूरा- सांसद दीपेंद्रघोटालों, अपराध. करोबारियों से वसूली और जीएसटी की वजह से घटा प्रदेश का ईज़ ऑफ़ डूइंग बिज़नेस रैंक- सांसद दीपेंद्रबेरोज़गारी की वजह से प्रदेश में बढ़ रहा है अपराध और नशे का चलन- सांसद दीपेंद्र पूरे प्रदेश में चलाई जाएगी युवाओं के हक़ में मुहीम, जन आंदोलन का दिया जाएगा रूप- सांसद दीपेंद्र 6 सितंबर, चंडीगढ़ः CWC सदस्य और राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा का कहना है कि देश और प्रदेश में बेरोज़गारी की स्थिति भयावह हो गई है। देश में सबसे ज़्यादा बेरोज़गारी झेल रहे हरियाणा के युवा ताली और थाली बजाकर सरकार को जगाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन सरकार जुमलों की चादर ओढ़ कर गहरी नींद सोई हुई है। लेकिन सरकार को समझना होगा कि जुमलों से कुछ दिन के लिए जनता को गुमराह तो किया जा सकता है लेकिन उनसे जनता का पेट नहीं भरा जा सकता। लोगों को रोटी जुमले से नहीं रोज़गार से मिलती है। लेकिन मौजूदा सरकार में सरकारी और प्राइवेट दोनों ही क्षेत्रों में रोजगार की संभावनाएं ख़त्म हो रही हैं। राज्यसभा सांसद ने चेताया कि अगर सरकार वक्त रहते नहीं जागती है तो भविष्य में हालात और ख़राब होने की आशंका है। क्योंकि जिस ‘इज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग’ का खट्टर सरकार ढिंढोरा पीटती थी, उसमें भी हरियाणा 13 स्थान लुढ़क कर 16वें नंबर पर पहुंच गया है। ये प्रदेश में एक के बाद एक हो रहे घोटालों, कारोबारियों की अनदेखी, उनसे वसूली, बढ़ते अपराध, असुरक्षित माहौल और जीएसटी की मार का ही नतीजा है। हुड्डा सरकार के दौरान हरियाणा प्रति व्यक्ति निवेश में देश का नंबर वन राज्य था, लेकिन खट्टर सरकार के दौरान हरियाणा में कोई निवेश करने के लिए तैयार नहीं है। निवेश के लिए सरकारी ख़र्च पर की गई बड़ी-बड़ी बिज़नेस समिट और मंत्री-मुख्यमंत्री के विदेश दौरों का नतीजा ज़ीरो रहा है। सत्ताधारी सरकारी खजाने से निवेश के नाम पर सैर सपाटा करते रहे और प्रदेश की अर्थव्यवस्था को पलीता लगता रहा। ऊपर से करोड़ों रुपये के घोटालों की वजह से प्रदेश का खजाना ख़ाली हो गया है। क्योंकि जो पैसा खजाने में जाना था, वो घोटालेबाज़ों की जेब में चला गया है। अगर सरकार का खजाना ही खाली होगा तो युवाओं को रोजगार कहां से मिलेगा? देश के हालात ऐसे हैं कि भारतीय रेलवे की 1 लाख 40 हज़ार पदों की भर्तियों लिए 2 करोड़ 42 लाख योग्य युवाओं ने अप्लाई किया है। लेकिन सरकार इस भर्ती को भी पूरा करने का नाम नहीं ले रही। अगर ये भर्ती पूरी भी होती है तो 172 युवाओं में से सिर्फ एक को ही नौकरी मिल पाएगी और 171 बेरोज़गार रह जाएंगे। सांसद दीपेंद्र ने कहा कि हरियाणा में हालात उससे भी ज्यादा ख़राब हैं। उदाहरण के तौर पर कई युवाओं की बलि लेकर पूरी हुई 4700 क्लर्क पदों की भर्तियों के लिए करीब 15 लाख 70 हज़ार युवाओं ने आवेदन किया था। यानी 334 युवाओं में से सिर्फ एक को नौकरी मिली और 333 पढ़े-लिखे नौजवान बेरोज़गार रह गए। दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि सरकारी सेक्टर में नौकरी की चाह रखने वाले युवाओं के साथ प्राइवेट रोज़गार पाने वालों का भी यही हाल है। अर्थव्यवस्था की स्थिति देखकर प्राइवेट सेक्टर में नौकरी करने वालों के हालात का भी अंदाज़ा लगाया जा सकता है। जिस अर्थव्यवस्था को डबल डिजिट की सकारात्मक रफ्तार से दौड़ना था, आज वो 24% की नकारात्मक रफ्तार से गर्त में चली गई है। हरियाणा के हालात इस मामले में भी बदतर हैं। CMIE के ताजा आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में बेरोज़गारी दर फिर से 33.5% पहुंच गई है, जो पिछले कई महीनों की तरह एक बार फिर देशभर में सबसे ज्यादा है। दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने चिंता जताते हुए कहा कि सरकार के नकारा और निकम्मेपन का ख़ामियाजा प्रदेश के युवाओं को भुगतना पड़ रहा है। प्राइवेट सेक्टर में कोई निवेश नहीं हो रहा। सरकारी भर्तियों को जानबूझकर लटकाया जा रहा है। नई भर्तियां निकाली नहीं जा रही। प्रदेश की सबसे बड़ी पूंजी युवा जोश और ऊर्जा दिशाहीन हो रहे हैं। रोज़गार ना मिलने से हताश युवा अपराध और नशे की तरफ बढ़ रहे हैं। बेरोज़गारी की तरह बीजेपी सरकार ने नशे और अपराध में भी हरियाणा को पूरे देश में टॉप पर पहुंचा दिया है। दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने युवाओं को उनका हक़ दिलवाने के लिए प्रदेशव्यापी मुहिम चलाने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि इस मुहिम को जल्द ही जनआंदोलन में बदला जाएगा। Post navigation सेंटर फॉर मॉनिटरिंग ऑफ इंडियन इकॉनॉमी के बेरोजगारी के आंकड़े पर बोले रणदीप सुरजेवाला सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने कर्मचारी नेताओं के खिलाफ पंचकूला में दर्ज किए मुकदमों की निन्दा की