HARIYANA CHIEF MINISTER BHUPINDRA SINGH HOODA ADDRESING MEDIA AT HIS RESIDENCE IN NEW DELHI ON SUNDAY.PIC BY RAMAKANT KUSHWAHA.19 OCTOBER2014
• ईज ऑफ डूइंग बिज़नेस रैंकिंग में 16वें स्थान पर फिसला हरियाणा
• गिरती साख का सीधा असर रोजगार पर, हरियाणा बेरोजगारी में पहले ही नंबर 1- हुड्डा
• कांग्रेस के कार्यकाल में हरियाणा प्रति व्यक्ति निवेश में था नंबर 1- हुड्डा
• काम-धंधे, कोरोबार ठप, कर्जे के सहारे पर चल रही है सरकार- हुड्डा

5 सितंबर, चंडीगढ़ः : पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने हरियाणा की ईज ऑफ़ डूइंग बिज़नेस रैंकिंग में गिरावट के बाद बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है। हरियाणा तीसरे पायदान से 13 स्थान गिरकर 16वें स्थान पर पहुंचना सरकार की सभी दावों की पोल खोलता है और लोगों के सामने साफ हो गया है कि हरियाणा बेरोजगारी में नंबर 1 के स्थान पर कैसे पहुंचा।

हुड्डा ने कहा कि भाजपा के 6 साल के दिशाहीन शासन ने प्रदेश में काम-काज और कारोबार की ऐसी हालत कर दी है कि नए उद्योग लगना तो दूर, चलते उद्योग भी प्रदेश छोड़कर जा रहें हैं। जहां एक और सरकार लाखों करोड़ों के निवेश का दावा कर रही है, वहीं सच यह है कि प्रदेश में काम कर रहे उद्योग भी सरकार की दिशाहीनता और प्रदेश में बढ़ते अपराध के कारण दूसरे प्रदेश में जा रहे हैं।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि 2015 हैपनिंग हरियाणा का आयोजन किया था और 5.87 लाख करोड़ के एमओयू साईन करने का दावा किया था। 2019 में दायर की गई आरटीआई में सरकार ने यह माना था केवल 4 प्रतिशत निवेश आया था जिसमें अब भी कोई खास वृद्धि नहीं हुई है।

हूड्डा ने कहा कि कांग्रेस के कार्यकाल में हरियाणा प्रति व्यक्ति निवेश में नंबर एक के स्थान पर था और प्रदेश में आईएमटी का जाल बिछाया जा रहा था ताकि प्रदेश के हर भाग का औद्योगिक विकास किया जा सके। आज हालत यह हो गई है कि चलते उद्योग भी या तो छटनी करने को मजबूर हैं या बिगड़ते हालातों के कारण दूसरे राज्यों में जाने की सोच रहे हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि निजी क्षेत्र की बुरी हालत और सरकारी क्षेत्र में छटनी के कारण हरियाणा बेरोजगारी में नंबर 1 पर पहुंच गया है और प्रदेश का युवा नाउम्मीद होकर घर बैठने को मजबूर है। इसके कारण प्रदेश में अपराध की संख्या बढ़ गई है जिससे कारण नशे में भी अभूतपूर्व बढ़ोतरी हुई है।

हूड्डा ने कहा कि गिरती साख का असर प्रदेश की आर्थिक हालत पर भी पड़ा है जिसके कारण हरियाणा कर्ज के बोझ के तले दबता जा रहा है। उन्होंने कहा की इस चिंताजनक हालत पर प्रदेश सरकार को विचार करना चाहिए और रणनीति बनानी चाहिए।

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