हरियाणा में मंत्रियों और अफसरशाही के बीच खींचतान बढ़ती जा रही है। प्रदेश के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री ओमप्रकाश यादव तथा आइपीएस अधिकारी सुलोचना गजराज के बीच हुए ताजा विवाद के बाद इस खींचतान को अधिक बल मिला है। केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत से लेकर मनोहर सरकार के ज्यादातर मंत्री जहां ओमप्रकाश यादव के साथ हैं, वहीं आइपीएस अधिकारी सुलोचना गजराज को भी भितरखाने अपनी लाबी का पूरा समर्थन हासिल हो रहा है। कोरोना के बीच प्रदेश के मंत्रियों और अफसरशाही के बीच बढ़ रही खींचतान राज्य मंत्री ओमप्रकाश यादव ने दो दिन पहले हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से मुलाकात कर पूरे मामले की उन्हें जानकारी दी है। ओमप्रकाश यादव का कुछ दिन पहले एक आडियो वायरल हुआ था, जिसमें वह नारनौल की एसपी सुलोचना गजराज की कार्य प्रणाली पर सवाल उठाते हुए उनके प्रति कठोर टिप्पणियां कर रहे हैं। कोसली के विधायक लक्ष्मण यादव भी रेवाड़ी की एसपी नाजनीन भसीन से दुखी थे। एसपी से विवाद के बाद राज्य मंत्री ओपी यादव गृह मंत्री अनिल विज से मिले राज्य मंत्री का आडियो वायरल होने के कुछ घंटों बाद प्रदेश सरकार ने हालांकि दोनों एसपी के तबादले कर दिए, लेकिन सुलोचना गजराज ने चार्ज छोड़ने से पहले अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ अपने विरुद्ध अपमानजनक टिप्पणियां करने का आरोप लगाते हुए एफआइआर दर्ज करा दी है। गृह मंत्री अनिल विज के संज्ञान में जब यह मामला आया तो उन्हें स्टेट क्राइम ब्रांच को जांच सौंप दी। हाई प्रोफाइल मामला होने की वजह से क्राइम ब्रांच अभी किसी नतीजे पर पहुंचने में जल्दबाजी नहीं करना चाह रही, लेकिन इस प्रकरण से न केवल पुुराने विवादों को हवा मिली है, बल्कि मंत्री और अफसरशाही भी एकजुट होने लगे हैं। ओमप्रकाश यादव को केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत का आशीर्वाद हासिल है। पूर्व शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा भी उनके साथ हैं। केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत का कहना है कि अभी सीएम मेदांता में उपचाराधीन हैं, लेकिन उनके आने के बाद अफसरशाही के मंत्रियों, सांसदों तथा विधायकों के प्रति ऐसे नकारात्मक रवैये को लेकर बात की जाएगी। भिवानी के सांसद धर्मबीर ने भी राज्य मंत्री के समर्थन में आवाज बुलंद की है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल की कैबिनेट के आधा दर्जन से ज्यादा मंत्रियों ने ओमप्रकाश यादव का समर्थन करते हुए कहा है कि अधिकारियों द्वारा बात नहीं सुने जाने की समस्या नई नहीं है। कई मंत्री, सांसद और विधायक इससे प्रताड़ित तथा पीड़ित हैं। यादव ने सभी मंत्रियों की पीड़ा को उजागर किया है। ऐसे में आइपीएस के विरुद्ध कार्रवाई की जानी चाहिए। स्पीकर और मुख्य सचिव के आदेशों के बावजूद कम नहीं हो रही तनातनी दूसरी तरफ आइपीएस अधिकारी भी नेताओं पर गलत आचरण का आरोप लगाते हुए लामबंद हो रहे हैं। पिछले दिनों खुद गृह मंत्री अनिल विज का आइपीएस संगीता कालिया से विवाद हो गया था। विज का आइपीएस शत्रुजीत कपूर, आइपीएस रहे अनिल कुमार राव, आइएएस शेखर विद्यार्थी, डा. राकेश गुप्ता और एसडीओ से विवाद हो चुके हैं। आइएएस अशोक खेमका का सीधे सरकार से टकराव चल रहा है। डीजीपी मनोज यादव और गृह मंत्री में भी तनातनी की खबरें आ रही हैं। स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता का भी अफसरों से टकराव हो चुका है। खेल राज्य मंत्री संदीप सिंह का आइएएस संजीव वर्मा से टकराव हो चुका है। सरकार के पिछले कार्यकाल में पूर्व मंत्री विपुल गोयल, रामबिलास शर्मा, कृष्णलाल पंवार और राव नरबीर के अधिकारियों से टकराव किसी से छिपे नहीं हैं। यह हालात तब हैं, जब स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने विधायकों की सुनवाई नहीं करने वाले अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की सिफारिश कर रखी है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा की ओर से भी विधायकों, मंत्रियों तथा सांसदों की सुनवाई किए जाने के स्पष्ट आदेश हैं। इसके बावजूद टकराव कम होने की बजाय बढ़ता जा रहा है। विज से मिलकर सारी बात बताई: यादव ” गृह मंत्री अनिल विज हमारी सरकार के वरिष्ठ मंत्री हैं। हमारी विभिन्न मसलों पर बातचीत होती रहती है। हम आपसे में कई मसलों को लेकर मिलते हैं। जब मिलते हैं तो हर तरह की सारी बात होती है। हम पब्लिक के आदमी हैं और यदि पब्लिक की सुनवाई अफसर नहीं करेंगे तो कैसे काम चलेगा। मैंने गृह मंत्री को सारी बात बताई है। उन्होंने पूरी बात को ध्यान से सुना है और उचित कार्रवाई का भरोसा दिलाया है। Post navigation परिवार पहचान पत्र अब केवल छह जिलों में बनेंगे एचएसएएमबी करेगा 264 नई ग्रामीण लिंक सड़कों का निर्माण