पचकूलां  03 अगस्त- हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री चंद्रमोहन ने कहा है कि केन्द्र सरकार द्वारा निरन्तर बढ़ाए जा रहे पैट्रोल के  मूल्यों से यह सिद्ध हो गया है कि यह सरकार गरीबों के प्रति असंवेदनशील हो गई है। सरकार गरीबी को नहीं अपितु गरीबों को  मिटाने पर आमादा है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हरियाणा प्रदेश में कोविड महामारी के दौरान दूसरी बार टोल टैक्स के रेट बढ़ा कर गरीबों के हितों पर कुठाराघात  किया है।

चन्द्र मोहन ने कहा कि आज फिर पट्रोल के मूल्य में 5 पैसे प्रति लीटर की दर से वृद्धि की गई है और इस प्रकार से पिछले 17 दिनों में तेल कम्पनियों द्वारा 1 रूपए 65 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि पिछले तीन महीने में पैट्रोल के मूल्य में लगभग 11 रुपए की बढ़ोतरी दर्ज हो चुकी है। सबसे बड़ी विडम्बना यही है कि भाजपा सरकार बड़े-बडे कारपोरेट घरानों की सरकार है। उन्होंने कहा कि इस सरकार में एक गरीब व्यक्ति की कीमत एक महीने में 5 किलो अनाज है, इसके अतिरिक्त कुछ नही है। 

उन्होंने याद दिलाया कि 2015 में फरवरी में दिल्ली के विधानसभा चुनाव हुए तो संयोगवश उस समय पट्रोल के भाव अन्तर्राष्टीय बाजार में प्रति बैरल के हिसाब से कम हों गए थे, तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि वह बड़ा भाग्यशाली हैं। अब मैं प्रधान मंत्री से पूछना चाहता हूं कि अब तेल के दाम अन्तर्राष्टीय बाजार में 2015 से भी कम हो गए हैं तो गरीब व्यक्ति का भाग्य कहां गया, उसने क्या कसूर किया हुआ है। उसका कसूर यही है कि वह बेचारा गरीब है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से पट्रोल के मूल्य में बढ़ोतरी हो रही है तो वह दिन दूर नही है, जब पट्रोल  100 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से उपलब्ध हो सकेगा। चन्द्र मोहन ने याद दिलाया कि कांग्रेस के शासनकाल के दौरान पैट्रोल का भाव अन्तर्राष्टीय बाजार में 110 डालर  प्रति बैरल था और दिल्ली में पट्रोल 47 रुपए प्रति लीटर मिलता था और अब अन्तर्राष्टीय बाजार में कच्चे तेल के दाम 40 रुपए प्रति बैरल प्रति डॉलर से भी कम है, लेकिन पट्रोल के भाव दिल्ली में ?82 रूपए 08 पैसे प्रति लीटर है।

इस तरह से गरीब व्यक्ति की जेब पर ऐसे समय में डाका डाला जा रहा है, जिस समय वह कोरौना की विभीषिका के कारण तिल तिल कर मरने को मजबूर हैं। आज पैट्रोल के भाव  दिल्ली में 21 अक्टूबर 2018 के बाद उच्चतम स्तर पर पहुंच गये है। उन्होंने केन्द्र सरकार से मांग की है कि पैट्रोल और डीजल के दामों में कमी करने के लिए  एक्साइज ड्यूटी कम की जाए। इसके साथ ही मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मांग की है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तर्ज पर  वैट की दरों में कटौती की जाए ताकि महंगाई के इस दौर में किसानों और मजदूरों तथा गरीबों को कुछ राहत मिल सके। इसके साथ ही टोल की बढ़ी हुई दरों को तत्काल प्रभाव से वापिस ले कर आम आदमी की वेदना कम करने का प्रयास किया जाए अन्यथा प्रदेश की जनता भाजपा और जजपा की सरकार को कभी भी माफ नहीं करेगी।  

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