भारत सारथी/ऋषि प्रकाश कौशिक

गुरुग्राम। नेहरू स्टेडियम में बना बासकेट बॉल कोर्ट एक माह की प्रेक्टिस में ही खराब होने लगा है। जगह-जगह बड़ी दरारें आ चुकी हैं और इस पर लगा पेंट भी उखडऩे लगा है, जिससे खिलाडिय़ों को तो प्रेक्टिस में दिक्कत आ रही है, साथ ही चोट लगने का खतरा भी बढ़ गया है।

विधायक सुधीर सिंगला ने गत 28 फरवरी को इसका उद्घाटन किया था। पूर्व खेल अधिकारी राज यादव ने 29 लाख के बजट से कोर्ट और वुशू शेड का निर्माण कराया था। उद्घाटन के बाद लॉकडाउन लग गया। अत: इसका इस्तेमाल नहीं हुआ। अब जब इस पर खिलाड़ी खेलने लगे तो एक माह में ही यह उखडऩे लगा है। गड्ढ़े होने शुरू हो गए हैं।

चर्चा के अनुसार ठेकेदार ने सीमेंट और पेंट मिक्स कर इसे तैयार किया है, जिससे यह उखडऩे लगा है लेकिन पेंट के कारण यह सिंथेटिक जैसा दिखता है, किंतु है नहीं। खिलाडिय़ों ने बताया कि सिंथेटिक फ्लोर लगभग 4-5 इंच मोटा बनता है और उसमे न तो गड्ढ़े पड़ते हैं और न ही बारिश से उखड़ता है। यहां बना वुशु शेड भी पहली बारिश में टपकने लगा है।

प्रश्न उठता है कि इसका उद्घाटन कर विधायक जी ने अपनी पीठ तो थपथपा ली किंतु क्या उन्होंने उद्घाटन करने से पूर्व उस कार्य की जांच की? या जैसा कि खेल अधिकारी राज यादव ने बताया कि उस पर विश्वास कर उन्होंने उद्घाटन कर दिया।

बहरहाल जो हुआ वह तो हो गया लेकिन जो होना है, वह देखना है कि क्या अब विधायक जी मुख्यमंत्री के जीरो भ्रष्टाचार टोलरेंस के नारे के अनुसार इसकी जांच कराएंगे? दोषी अधिकारी या ठेकेदार के ऊपर कानूनी कार्यवाही करेंगे?

विधायक जी के नाम की प्लेट वहां के बोर्ड पर लगी हुई है। लोग वहां खेलने वाले या जाने वाले सभी को यह बताने के लिए पर्याप्त है कि इसका उद्घाटन विधायक सुधीर सिंगला ने किया है।

शिवसेना के प्रदेश प्रवक्ता ऋतुराज ने इस भ्रष्टाचार की सूचना मुख्यमंत्री मनोहर लाल को भेजी है और साथ ही मांग की है कि इस मामले की जांच यदि हाई कोर्ट के जज से कराई जाए तो अधिक अच्छा होगा, क्योंकि वर्तमान में ऐसा लगता है कि गुरुग्राम के सभी अधिकारी कहीं न कहीं एक-दूसरे से मिले हुए हैं और एक-दूसरे की कमियां छिपाने में माहिर हैं। अत: जांच हाई कोर्ट के जज से ही होनी चाहिए।

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