अगर ज़रूरत पड़ी तो छात्रों को न्याय दिलाने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक लड़ेंगे क़ानूनी लड़ाई – प्रदीप देशवाल – पीड़ित छात्रों को न्याय दिलाने के लिए दी जा रही है मुफ़्त क़ानूनी सहायता- प्रदीप देशवाल रोहतक/चंडीगढ़, 28 अगस्त।एमडीयू की ऑनलाईन दाख़िला प्रणाली व पंचवर्षीय कोर्सों के दाखिलों की मेरिट लिस्ट की ख़ामियों के कारण छात्र दर-दर की ठोकरें खा रहे है। कहीं मेरिट लिस्ट में गड़बड़ है तो कहीं छात्रों की वैटेज के अंक नही जोड़े गए। यहां तक कि एमडीयू प्रशासन ने भारत सरकार द्वारा जारी किए गए एनएसएस के सर्टीफ़िकेट के अंक देने से भी मना कर दिया। न्याय के लिए छात्र एमडीयू के अधिकारियों के दरवाज़े पर पहुंचे तो कुलपति से लेकर विभाग अध्यक्ष तक ने किसी की गुहार नही सुनी। अंत में छात्रों ने परेशान होकर अपने अधिकार के लिए न्यायालय का दरवाज़ा खटखटाया और न्यायालय से उनको न्याय मिलने की उम्मीद नज़र आई है। पीड़ित छात्रों को न्याय दिलाने के लिए छात्र नेता एवं इनसो प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप देशवाल ने खुद मोर्चा सम्भाल रखा है। दाखिलों को लेकर एमडीयू पर कई केस हो चुके है और हर रोज़ केसों की संख्या बढ़ती ही जा रही है।लगातार केसों की संख्या बढ़ने से एमडीयू के अधिकारियों की परेशानी भी बढ़ती जा रही हैं।इनसो प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप देशवाल ने दावा किया है की एमडीयू ने दाखिलों के लिए विभिन्न विभागों की जो मेरिट लिस्ट जारी की है उसमें एक बड़ा गड़बड़झाला हुआ है और जल्द ही सबूतों के साथ इसका खुलासा किया जाएगा। प्रदीप देशवाल ने बताया कि एमडीयू की ऑनलाइन दाख़िला प्रणाली व पोर्टल में काफ़ी ख़ामियां हैं जिसके कारण योग्य एवं होनहार छात्रों के भविष्य पर तलवार लटकी हुई है। उन्होने कहा कि एमडीयू कुलपति व कुछ अन्य अधिकारीयों की गलती की सजा छात्र भुगत रहे हैंपरंतु छात्रों के अधिकारों के साथ खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा। प्रदीप देशवाल ने दावा किया है की मेरिट लिस्ट बनाने में बहुत बड़ी धांधली हुई है। अगर यह धांधली एमडीयू के अधिकारियों द्वारा किसी बुरी नीयत या किसी लालच में आकर की गई है तो ऐसे अधिकारियों को किसी भी सूरत में माफ़ नही किया जाएगा। प्रदीप देशवाल ने कहा कि पीड़ित छात्रों को जब एमडीयू के कुलपति से न्याय नहीं मिला तो न्यायालय की शरण में पहुँचे हैं और हमें पूरा यक़ीन है की न्यायालय से छात्रों को न्याय मिलेगा। प्रदीप देशवाल ने कहा कि पीड़ित छात्रों को न्यायालय के माध्यम से न्याय दिलाने के लिए इनसो छात्र संघ की तरफ़ से छात्रों को मुफ़्त क़ानूनी सहायता प्रदान की गई है और भविष्य में भी यह क़ानूनी सहायता मुफ़्त में छात्रों को प्रदान की जाएगी ताकि छात्र न्यायालय में आकर न्याय प्राप्त कर सकें व अपनी योग्यता के आधार पर दाख़िला लेकर उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकें। अधिवक्ता अनीश ओहल्याण, अधिवक्ता तरुण बुद्धिराज, अधिवक्ता रजनीश सुंदरपुर व कुछ अन्य अधिवक्ताओं की एक पूरी टीम छात्रों को उनका अधिकार व न्याय दिलाने के लिए लगातार प्रयासरत है। प्रदीप देशवाल ने कहा की न्यायालय के माध्यम से एमडीयू के उन अधिकारियों को एक बड़ा झटका दिया जाएगा जो अपने घमंड व ज़िद्द के कारण छात्रों का भविष्य ख़राब कर रहे हैं। प्रदीप देशवाल ने कहा कि अगर ज़रूरत पड़ी तो छात्रों को न्याय दिलाने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक क़ानूनी लड़ाई लड़ेंगे। उच्च न्यायालय व उच्चतम न्यायालय में भी छात्रों के अधिकार व उनको न्याय दिलाने के लिए मज़बूती से क़ानूनी लड़ाई लड़ने के लिए उन सभी पुराने साथियों से सम्पर्क किया जा रहा है जो उच्च न्यायालय व उच्चतम न्यायालय में वकालत कर रहे हैं।छात्रों को किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं आने दी जाएगी। Post navigation पंजाब सरकार का कदम किसान की आर्थिक आजादी का विरोधी- धनखड़ शराब माफिया मामले में प्रतीक्षा गोदारा आईपीएस को स्पष्टीकरण जारी