Haryana Deputy Chief Minister, Mr. Dushyant Chautala reading obituary resolutions during the Session of Haryana Vidhan Sabha at Chandigarh on August 26, 2020.

चंडीगढ़, 26 अगस्त- हरियाणा के उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि प्रदेश में न तो अचल सम्पतियों का कोई अवैध पंजीकरण किया गया है और न ही 24 अप्रैल से 30 जून, 2020 के दौरान अचल सम्पति हस्तांतरण से सम्बन्धित दस्तावेजों के पंजीकरण से सरकार को राजस्व का कोई नुकसान हुआ है।

यह जानकारी उप-मुख्यमंत्री ने विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान विधायक अभय सिंह चौटाला द्वारा लाए गए एक ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के उत्तर में दी। उन्होंने बताया कि कुछ सब-रजिस्ट्रार एवं संयुक्त सब-रजिस्ट्रार ने हरियाणा विकास और विनियमन क्षेत्र संशोधन अधिनियम, 2017 की धारा-7ए के प्रावधान का पालन नहीं किया है। रजिस्ट्रियों के मामले में कोताही बरतने वाले ऐसे 6 अधिकारियों को निलंबित किया गया है और उन्हें हरियाणा सिविल सेवाएं (सजा एवं अपील)  नियम, 2016 के नियम-7 के तहत चार्जशीट किया जा रहा है।
चौटाला ने बताया कि हरियाणा विकास एवं विनियमन क्षेत्र संशोधन 2017 की धारा-7ए के प्रावधान का पालन न करने वाले सब-रजिस्ट्रार  तथा संयुक्त सब-रजिस्ट्रार के खिलाफ इस मामले में सख्त कार्रवाई की गई है। सब-रजिस्ट्रार सोहना तथा संयुक्त सब-रजिस्ट्रार, वजीराबाद, बादशाहपुर, मानेसर, सोहना और गुरुग्राम तहसील में तैनात एक सब-रजिस्ट्रार तथा पांच संयुक्त सब-रजिस्ट्रारों को निलंबित कर दिया गया है। उन्हें हरियाणा सिविल सेवाएं (सजा एवं अपील) नियम, 2016 के नियम-7 के तहत चार्जशीट  भी किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि रजिस्ट्रियों के मामले में जिला नगर योजनाकार, गुरुग्राम द्वारा पुलिस स्टेशन मानेसर, बादशाहपुर, सैक्टर-10 गुरुग्राम, सैक्टर-23 गुरुग्राम तथा  पुलिस स्टेशन सोहना में आईपीसी की धारा 420 तथा हरियाणा विकास और शहरी क्षेत्र अधिनियम का विनियम,1975 की धारा 10 के तहत जिले के एक सब-रजिस्ट्रार तथा पांच संयुक्त सब-रजिस्ट्रार के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया जा चुका है।

उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि पंजीकृत बिक्री पत्रों तथा पट्टेनामा के दस्तावेजों के पंजीकरण के समय हरियाणा विकास और शहरी क्षेत्र अधिनियम का विनियम 1975 की धारा 7ए के तहत जिला नगर योजनाकार से एन.ओ.सी न लेने वाले नारनौल, करनाल, सोनीपत, रेवाड़ी, पंचकूला, भिवानी, फरीदाबाद तथा कैथल जिले के सब-रजिस्ट्रार  तथा संयुक्त सब-रजिस्ट्रार के खिलाफ अतिरिक्त निदेशक, नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग की रिपोर्ट के आधार पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का निर्णय लिया गया है। इन्होंने 14 जून, 2013 से 31 मई, 2020 के दौरान 1555 पंजीकृत बिक्री पत्रों तथा पट्टेनामा के दस्तावेजों का पंजीकरण किया था।

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