कोरोना के चलते बेरोजगार हुए श्रमिकों को ईएसआई दे पुरे वित्तिय वर्ष के 12 महीने की सैलरी, तीन महीने की 50% मानदेय देना ऊंट के मुंह मे जीरा देने वाली बात हुई: कुलदीप जांघू गुरुग्राम। सोमवार को सुबह 11 बजे गुरुग्राम से लेकर रेवाड़ी तक यूनियन प्रतिनिधियों व श्रमिक नेताओं ने ईएसआई के निदेशक सुनील नेगी को कोरोना के चलते जिन मजदूरों की नौकरियां गई है उन्हें 2020-2021 के पूरे वित्तिय वर्ष में 12 महीने की सैलरी देने के लिए ज्ञापन सौंपा। कोरोना महामारी के चलते श्रमिकों की नौकरी संकट में आने पर देश के तमाम मजदूर संघठनों सहित मारुति सुजुकी मजदूर संघ ने भी कई बार सरकार से मजदूरों की नौकरी वापस करने व सैलरी पूरी देने की बात उठाई है, सैंकड़ों ज्ञापन दिए हैं, लेकिन सरकार की तरफ से कोई राहत नहीं मिल रही है। श्रमिक नेता कुलदीप जांघू ने कहा कि ऐसे संकट की घड़ी में ईएसआई के अधिकारियों से भी मिले कि कोरोना के चलते जिन मजदूरों की नौकरियां गई हैं या उन्हें सैलरी नहीं मिली है तो एएसआई उन्हें सैलरी देकर राहत देने का काम करे। ईएसआई के पास मजदूरों के खून पसीने की कमाई हजारों-लाखो-करोड रुपये जमा है, उनमें से भी कुछ हिस्सा मजदूरों को दिया जाए तो मजदूरों का चूल्हा जल सकता है और साथ ही अर्थव्यवस्था में भी ऑक्सीजन आ सकती है। कोरोना के चलते जिनकी नौकरी गई है, उनके लिए सरकार ने हाल ही में 3 महीने की 50% सैलरी देने की बात कही है। जो कि ऊंट में मुँह में जीरा देने वाली बात है, इससे कोई राहत नहीं मिलेगी। सरकार ने वित्तिय वर्ष 2020-2021 को पूरा लेना चाहिए, कम से कम 31 मार्च 2021 तक तो ईएसआई ने श्रमिकों को सैलरी देनी चाहिए। ज्ञापन देने में श्रमिक नेता कुलदीप जांघू, हीरो मोटो कॉर्प के प्रधान कुलवंत सिंह, कार्यकारी अध्यक्ष सैमुएल, उपप्रधान राजीव गौड़, सुनील गिरी, बेलसोनिका यूनियन से अजित सिंह, राजपाल, महेंद्र कपूर, अतुल, एफएमआई से राहुल, श्री भगवान, नवीन आदि दर्जनों श्रमिक नेता शामिल हुए। Post navigation निगम ने मात्र एफिडेविट के आधार पर करोड़ों की प्रॉपर्टी का बदला स्टेट्स परिवार पहचान पत्र बनाने को लेकर सरकारी स्कूलों का शैड्यूल तैयार, प्रातः 8 बजे से सांय 5 बजे तक होगा डेटा वैरिफिकेशन व आवेदन करने का कार्य