सरकार को व्यापारी व आम जनता की चिंता की बजाए शराब बिक्री की ज्यादा चिंता है – बजरंग गर्ग सरकार ने कोरोना महामारी में लॉकडाउन के समय बिजली, पानी व हाउस टैक्स के बिल जो भरवाए है उसे रिफंड करना चाहिए – बजरंग गर्ग

चण्डीगढ़ – हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष व हरियाणा कान्फैड के पूर्व चेयरमैन बजरंग गर्ग ने अपने राज्यस्तरीय दौरे के दौरान व्यापारियों की समस्या सुनते हुए कहा कि कोरोना महामारी में हरियाणा सरकार ने शनिवार व रविवार को दुकान बंद करने के फैसले के साथ शराब के ठेके खुले रखने पर नाराजगी जताई है।

एक तरफ सरकार दुकानें, स्कूल, कॉलेज बंद करवा रही है और दूसरी तरफ शराब के ठेके खुलवा कर नशा बिकवाने में लगी हुई है। सरकार को प्रदेश के व्यापारी व आम जनता की चिंता की बजाएं शराब की बिक्री की ज्यादा चिंता है। प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कहा कि सरकार को स्पष्ट करना चाहिए की शराब आवश्यक वस्तु है क्या। जबकि लॉकडाउन के समय में भी शराब के ठेकों पर भारी भीड़ लगी हुई थी।

श्री गर्ग ने कहा कि क्या दुकानों से ही कोरोना फैलता है। सरकार के प्रतिनिधियों द्वारा प्रदेश में जगह-जगह सम्मेलन में भारी भरकम भीड़ इकठी करने, 52 सीटें बस को फुल भरकर चलाने, ऑटो फूल भरकर चलाने से क्या कोरोना नहीं फैलता।

प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कहा कि सरकार कोरोना संक्रमण पर काबू पाने की बजाएं हर रोज नए-नए फरमान जारी करके व्यापारियों को नाजायज तंग करने में लगी हुई है। लॉकडाउन के समय में भी सरकार ने किसी प्रकार की रियायतें ना देते हुए व्यापारियों से बंद दुकान व फैक्ट्रियों के बिजली, पानी व हाउस टैक्स लिया। व्यापारी कब तक बंद दुकानों के बिजली व पानी के बिल, कर्मचारियों की तनख्वाह भरता रहेगा। यह व्यापारियों के लिए बहुत बड़ा चिंता का विषय है।

उन्होंने कहा की सरकार की गलत नीतियों के कारण व्यापारी बर्बाद हो रहा है और आज देश व प्रदेश में व्यापार चौपट होता जा रहा है। जिसके कारण बेहताशा बेरोजगारी फैल रही है और बाजार बंद होने से आम जनता को भी परेशानी हो रही है। प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कहा कि सरकार को अपने फैसले पर पूर्ण विचार करते हुए सुबह दुकान खोलने का जो समय है उसमें एक घण्टा समय बड़ा कर या रात के समय दुकान बंद करने का एक घण्टा घटाकर शनिवार को दुकानें नहीं बंद करने का फैसला लेना चाहिए। ताकि दुकान खोलने व बंद करने का समय कम होने के बाद 1 सप्ताह में 6 दिन दुकानें खुलने से व्यापारी व आम जनता को दिक्कत नहीं होगी। जबकि कोरोना महामारी में देश व प्रदेश के व्यापारी व उद्योगपतियों ने सरकार का हर प्रकार का सहयोग किया है। सरकार का भी फर्ज बनता है कि वह ऐसा कोई फैसला ना ले जिससे व्यापारी व आम जनता को दिक्कत आए। सरकार ने कोरोना महामारी में लॉकडाउन के समय के बिजली, पानी व हाउस टैक्स के बिल जो भरवाए है उसको रिफंड करना चाहिए।

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