चंडीगढ़, 22 अगस्त। नई भर्ती के लिए रविवार को होने वाले लिखित टेस्ट का आंदोलन कर रहे बर्खास्त पीटीआई ने बहिष्कार करने का ऐलान कर दिया है। शारीरिक शिक्षक संधर्ष समिति के प्रधान धर्मेंद्र पहलवान, वरिष्ठ उपाध्यक्ष वजीर गागौली व पूर्व प्रधान गुरुदेव सिंह ने शनिवार को यह जानकारी देते हुए भाजपा-जेजेपी गठबंधन सरकार के सवाल किया कि विगत दस सालों में 38 पीटीआई की अकाल मृत्यु हो चुकी है। सरकार बताए कि उनका टेस्ट कौन देगा? क्योंकि वह इन दुनिया में नही है और उनकी विधवाएं तो टेस्ट देने में सक्षम नही है। इसी प्रकार 25 महिला पीटीआई के पति मौत के मुंह में चले गए हैं और दर्जनों तलाकशुदा महिला पीटीआई है। नौकरी चली जाने से उनका मानसिक संतुलन पूरी तरह डगमगाया हुआ है। वह भी टेस्ट देने की स्थिति में नहीं है।

उन्होंने बताया कि शारीरिक शिक्षक संधर्ष समिति ने अपने मौत के मुंह में चले गए साथियों की विधवाओं के दु:ख को देखते हुए रविवार को आयोजित टेस्ट का बहिष्कार करने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा माननीय सुप्रीम कोर्ट में रिक्त पदों बाबत मांगी गई गलत जानकारी देने की वजह से बर्खास्त पीटीआई दो महीने से ’यादा समय से सड़कों पर आंदोलन करने पर मजबूर हैं और सरकार आंदोलन को लंबा करके पिटने पर आमादा है। उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि सरकार के सभी हथकंडों व तिकड़मों के बावजूद बर्खास्त पीटीआई के हौसले बुलंद हैं और जब तक नौकरी बहाल नहीं होगी,तब तक प्रदेश में आन्दोलन जारी रहेगा।

उन्होंने कहा कि अगले सप्ताह प्रदेश के कर्मचारी, मजदूर, किसानों, नौजवानों, छात्रों व महिला संगठनों के सहयोग एवं समर्थन के साथ बर्खास्त पीटीआई जनता की अदालत में जाएंगे और सरकार की पोल खोल अभियान चलाएंगे।

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