ज्योति गिरि व महाकाल के श्रद्धालुओं का दिखा श्रद्धा भाव.
महाकाल के श्रद्धालुओं ने किया सामूहिक पुण्य का कार्य

फतह सिंह उजाला

पटौदी ।    पटौदी क्षेत्र के सबसे बड़े गांव बोहड़ाकला में स्थित प्राचीन हनुमान-मंदिर महाकाल मंदिर परिसर में शनिवार को गणेश चतुर्थी महोत्सव उत्साह और श्रद्धा भाव के साथ मनाया गया। इस मौके पर मंदिर परिसर में सुबह के समय महाकाल को साक्षी मानकर भगवान गणेश का आह्वान कर हवन यज्ञ में महामंडलेश्वर ज्योति गिरी और महाकाल के भक्तों एवं अनुयायियों के द्वारा आहुतियां अर्पित की गई।

इस मौके पर विशेष रूप से महंत हवा पुरी महाराज, कमल पुरी, पुजारी राधेश्याम पंडित, राजवीर चैहान छोटू ,मनोज, हंसराज हंस, मुकेश कुमार के साथ-साथ गांव के युवाओं का औलिया ग्रुप विशेष रूप से मौजूद रहा। महाकाल के अन्यन भक्त हवा पुरी महाराज ने बताया कि किसी भी धार्मिक अनुष्ठान में सबसे पहले भगवान गणेश का ही आह्वान कर पूजन किया जाता है । गणेश जी भगवान शंकर अथवा महाकाल के पुत्र हैं, गणेश जी को विघ्नहर्ता कहा गया है । इतना ही नहीं गणेश जी मातृ भक्ति और रक्षा की इस ब्रह्मांड में ऐसी प्रेरणादाई शिक्षा देने वाले देव हैं कि ऐसी मातृ भक्ति और श्रद्धा शायद ही किसी और के द्वारा दिखाई गई हो ।

इसी मौके पर मंदिर परिसर से बाहर महामंडलेश्वर ज्योति गिरी और महाकाल के प्रति समर्पित श्रद्धालुओं और भक्तों के द्वारा सामूहिक रूप से विशाल भंडारे में प्रसाद का वितरण किया गया। यह भंडारा प्रातः 9 बजे आरंभ हुआ और सायं करीब 4 बजे तक जारी रहा । इस दौरान बिलासपुर से पटौदी, हेली मंडी, कुलाना, रेवाड़ी , गुड़गांव की तरफ आवागमन करने वाले अनेकानेक लोगों को भंडारे का प्रसाद वितरित किया गया । एक लंबे अरसे के बाद अन्नदान का कार्य करने वाले महाकाल के भक्त युवाओं के ने बताया कि महामंडलेश्वर ज्योति गिरी के द्वारा जो धर्म-कर्म सहित अन्य दान की परंपरा महाकाल मंदिर में आरंभ की गई उसी से प्रेरणा लेकर गणेश चतुर्थी के मौके पर भंडारा करते हुए अन्य दान का पुण्य कार्य किया गया है।

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