21 अगस्त के विरोध प्रदर्शन की तैयारी पूर्ण। राज्य कमेटी की 7 टीमों ने डिपूओं का दौरा किया।. तबादला नीति को ताक पर रख कर हजारों कर्मचारियों का तबादला दूर दराज डिपूओं में करने पर कर्मचारी भड़के। चण्डीगढ, 19 अगस्त।हरियाणा रोड़वेज वर्कर्स यूनियन सम्बन्धित सर्व कर्मचारी संघ राज्य कमेटी ने परिवहन मंत्री व महानिदेशक से विभाग हित व जन हित में एक दर्जन सवाल कर ज्वाब मांगा। यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष इन्द्र सिंह बधाना, प्रदेश महासचिव सरबत सिंह पूनिया, वरिष्ठ उप प्रधान नरेन्द्र दिनोद, उप महासचिव बलबीर जाखड़ व प्रैस प्रवक्ता श्रवण कुमार जांगड़ा ने जनता व कर्मचारियों से सीधा सम्बन्ध रखने वाले एक के बाद एक सवाल दागते हुए कहा आखिर परिवहन मंत्री व महानिदेशक ने इन जवलंत सवालों का ज्वाब देना होगा। उन्होंने पुछा विभाग के निजीकरण की मांग कर्मचारियों व जनता की नहीं तो किलोमीटर स्कीम व स्टेज कैरिज स्कीम लागू करके विभाग को बर्बाद करने पर क्यों तुले हुए हैं? भाजपा के 6 साल के शासन में उच्च अधिकारियों ने यूनियनों से हुई अनेक मीटिंगों में स्वीकार किया है, बढ़ती आबादी अनुसार विभाग में 10 हजार नई बसों की जरूरत है फिर भी विभाग में बसों की संख्या 4200 से घटकर केवल 3200 क्यों रह गई? देश भर के 68 सरकारी व अर्ध सरकारी विभागों में हरियाणा रोड़वेज द्वारा बेहतर व सुरक्षित परिवहन सेवा देने, सबसे कम दुर्घटना करने व कम डीजल की खपत में अधिक किलोमीटर तय करने में प्रथम स्थान प्राप्त किया है तो विभाग को पूंजीपतियों के हवाले क्यों किया जा रहा है? विभाग के कर्मचारी कठिन परिस्थितियों में दिन रात जोखिम भरी ड्यूटी कर रहे हैं फिर भी जोखिम भत्ता क्यों नहीं? कर्मचारियों द्वारा 12 से 18 घंटे ड्यूटी करने पर भी ओवरटाइम व चार साल से बोनस क्यों नहीं दिया? चालक व परिचालक एक ही बस में एक समान ड्यूटी कर रहे हैं फिर भी एक समान वेतनमान क्यों नहीं? कर्मशाला कर्मचारियों को 50 वर्ष से राजपत्रित अवकाश कार्यालय कर्मचारियों के समान मिलते थे,अब घटाकर 8 अवकाश क्यों किये? उच्चतम न्यायालय के निर्णय अनुसार तकनीकी कर्मचारियों को तकनीकी वेतनमान क्यों नहीं? कर्मचारी नेताओं ने सवालों की बौछार करते हुए कहा भाजपा ने सत्ता में आने से पहले पंजाब के समान वेतनमान लागू करने, कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने, निजीकरण, आउटसोर्सिंग पोलिसी पर रोक लगाने व पक्की भर्ती करने का वायदा किया, परन्तु सत्ता में आने पर ये वायदे लागू क्यों नहीं? सभी पड़ोसी राज्यों में परिचालकों को ई टिक्टींग मशीन उपलब्ध है तो बार बार वायदे के बाद भी हरियाणा रोड़वेज में ई टिक्टींग मशीन क्यों नहीं? कोरोना महामारी के दौरान विभाग को हुए घाटे की भरपाई के लिए 850 करोड़ रुपए का पैकेज क्यों नहीं दिया? 1992 से 2002 के मध्य लगे कर्मचारियों को नियुक्ति तिथि से पक्का करने बारे लिखित समझौता होने पर भी लागू क्यों नहीं? कर्मचारी नेताओं ने महानिदेशक पर गम्भीर आरोप लगाते हुए कहा विभाग में तबादला नीति को ताक पर रख कर हजारों चालक-परिचालकों के तबादले दूर दराज क्षेत्रों में क्यों किये गये? उन्होंने कहा महानिदेशक की कार्यप्रणाली व हठधर्मिता के कारण कर्मचारियों की समस्याएं कम होने की बजाए बढ़ रही है। जब कर्मचारी अपनी समस्याओं के समाधान के लिए महानिदेशक से मिलने जाते हैं तो महानिदेशक ने कोरोना की आड़ लेकर तुगलकी फरमान जारी करके कर्मचारियों के चण्डीगढ आने पर ही रोक लगा दी। जिस कारण कर्मचारियों में भारी गुस्सा है। कर्मचारी नेताओं ने कहा महानिदेशक की वादाखिलाफी व तानाशाही के खिलाफ 21 अगस्त को प्रदेश के सभी डिपूओं में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। Post navigation हरियाणाः 1 करोड़ रुपये कीमत की 1 किलो 400 ग्राम स्मैक व 270 किलो गांजा बरामद, 6 गिरफ्तार एसवाईएल मामलें में मुख्यमंत्री ने पूरे पक्ष को मजबूती के साथ रखा: अनिल विज