सरकार ने स्वास्थ्य विभाग के कोरोना योद्धाओं को नौकरी से निकालने का जारी किया फरमान
स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों के 30 सितंबर को खत्म हो रहे कांटेक्ट को सरकार ने बढ़ाने से किया इंकार
कांटेक्ट को तुरन्त प्रभाव से बिना शर्त बढ़ाने व विभाग में पे-रोल पर लेने की मांग
सुभाष लाम्बा ने दी चेतावनी – 30 अगस्त के प्रदर्शन के बाद भी सरकार नहीं मानी तो संघ आन्दोलन को और तेज करने को मजबूर

वैशाली सैनी

रोहतक, 17 अगस्त। कोरोना महामारी के दौरान हरियाणा में सत्तारूढ़ भाजपा-जेजेपी गठबंधन सरकार ने सुप्रीम कोर्ट की आड़ लेकर 1983 पीटीआई टीचरों को ढ़ाई माह पूर्व यकायक बर्खास्त कर दिया। ये सभी पीटीआई अभी अपनी नौकरी की पुन: बहाली को लेकर सड़कों पर आंदोलनरत हैं। इसी बीच हरियाणा के स्वास्थ्य विभाग में कॉन्ट्रैक्ट बेस पर कार्यरत करीब 11,000 स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों पर उनकी नौकरी जाने का खतरा मंडराने लगा है। सरकार ने इन कोरोना योद्धाओं को नौकरी से निकालने का फरमान जारी कर दिया है।

ध्यान रहे कि इन स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों का कांटेक्ट आगामी 30 सितंबर को समाप्त हो रहा है। करीब 11,000 स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों का सरकार ने कांट्रैक्ट बढ़ाने से साफ इंकार करने के बाद स्पष्ट हो गया है कि सरकार ने इन कर्मियों की नौकरियां छीनने का निर्णय कर चुकी है।

पीटीआई टीचरों की बर्खास्तगी के बाद इन स्वास्थ्य कर्मियों में इस बात को लेकर उनके मन में डर बन गया है कि हरियाणा सरकार उनको पद से कभी भी बर्खास्त कर सकती है। इसी कारण इस मुद्दे को लेकर रोहतक में स्वास्थ्य ठेका कर्मचारी यूनियन की राज्यस्तरीय बैठक स्थानीय सुखपुरा चौक पर प्रभात भवन में संपन्न हुई। बैठक में सर्व कर्मचारी संघ के नेतृत्व में स्वास्थ्य ठेका कर्मचारी यूनियन ने आंदोलन का बिगुल बजा दिया है।

इस बैठक की अध्यक्षता सर्व कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष लांबा और महासचिव सतीश सेठी की अध्यक्षता में संपन्न हुई। इस बैठक में सरकार से मांग की गई है कि हरियाणा सरकार उन सभी स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों जिनका कांटेक्ट सितंबर माह में समाप्त हो रहा है, को तुरन्त प्रभाव से बिना शर्त बढ़ाया जाए।

सर्व कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष लांबा ने कहा कि इस राज्य स्तरीय बैठक में 22 सदस्य सांगठनिक कमेटी का गठन किया गया है। इस कमेटी का कन्वीनर सर्व कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव सतीश सेठी को बनाया गया है।

बैठक में निर्णय किया गया है कि 30 अगस्त को पूरे प्रदेश में स्वास्थ्य ठेका कर्मचारी सीएमओ कार्यालय पर जोरदार प्रदर्शन करने के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के नाम एक ज्ञापन सीएमओ को सौंपा जाएगा।

इस ज्ञापन में मांग की जाएगी कि ठेका प्रथा को समाप्त किया कर स्वास्थ्य विभाग इन कर्मियों को अपने पे-रोल पर ले क्योंकि इन स्वास्थ्य कर्मियों ने करोनो महामारी के दौरान एक योद्धा की भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने 30 अगस्त के प्रदर्शन के बाद भी सरकार ने उनकी मांग नहीं मानी तो संघ आन्दोलन को और तेज करने को मजबूर हो जाएगा।

सुभाष लांबा ने सरकार से अपील की है कि वह तुरन्त प्रभाव से इन कोरोना योद्धाओं को नौकरी से निकालने की प्रक्रिया को रोके। उन्होंने आशा वर्करों की हड़ताल पर चिंता प्रकट करते हुए कहा कि सरकार एक ओर तो इन्हें कोरोना योद्धा करार देती है, सम्मानित करने और तनख्वाह दुगुनी करने की बात करती है तो वहीं दूसरी ओर उन्हें बेरोजगार कर सड़कों पर लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। उनका कहना था कि सरकार को आशा वर्करों से एक बार बात तो करनी चाहिए थी कि उनकी आखिर दिक्कतें क्या हैं? बैठक में पीटीआई टीचरों को भी तुरन्त पुन: बहाल करने की मांग का प्रस्ताव पास किया है।

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