हरियाणा सरकार भी दे रही है त्रिवेणी को बढ़ावा-शर्मा. विश्नोई समाज का पर्यावरण के साथ जुड़ा हुआ है बलिदान -रामबिलास

भिवानी के हनुमान जोहड़ी मंदिर धाम स्थित श्रीराम पंचवटी वन क्षेत्र में आयोजित वन महोत्सव पखवाड़े के तहत जिला प्रशासन के द्वारा शुरू किए गए जंगल अभियान से जुड़ते हुए पूर्व शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा ने युवा जागृति एवं जन कल्याण मिशन ट्रस्ट व नेताजी सुभाष चंद्र बोस युवा जागृति सेवा समिति द्वारा आयोजित वन महोत्सव त्रिवेणी लगाई और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए आम आदमी को आगे आने की अपील की । श्री शर्मा ने अटल त्रिवेणी अभियान के साथ बड़ ,पीपल ,नीम ,बेलपत्र ,तुलसी, जामुन ,सहतूत , कदम ,सीसम ,अनार  और अमरूद सहित अनेक छायादार, फूलदार एवं फलदार पौधे लगाए । 

वन महोत्सव व अटल सन्देश त्रिवेणी पर बोलते हुए पूर्व शिक्षा मंत्री प्रोफेसर रामबिलास शर्मा ने कहा कि सरकार त्रिवेणी को बढ़ावा दे रही है ,हम ने भी जिला महेंद्रगढ़ से अटल सन्देश त्रिवेणी अभियान शुरू किया है । कहा कि 16 अगस्त पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निर्वाण दिवस तक अटल त्रिवेणी लगाई गई हैं। निर्वाण दिवस पर अटल त्रिवेणी अभियान सम्पन्न हुआ है।कहा कि पर्यावरण की सुरक्षा के लिए विश्नोई समाज का बड़ा त्याग और बलिदान रहा है हमे विश्नोई समाज से पर्यावरण की सुरक्षा का सन्देश लेना चाहिए। कहा हनुमान जोहड़ी मन्दिर धाम में उन्होंने अटल त्रिवेणी का सन्देश दिया है और यहाँ जिला उपायुक्त द्वारा शुरू किए गए जंगल अभियान व सामाजिक संस्था युवा जागृति एवं जन कल्याण मिशन ट्रस्ट व नेताजी सुभाष चंद्र बोस युवा जागृति सेवा समिति के वन महोत्सव पखवाड़े से भी जुड़ने का अवसर मिला है।शर्मा ने कहा कि पर्यावरण की पर्यावरण की सुरक्षा करना हमारी प्राचीन परम्परा है और उसी के तहत हर वर्ष सरकार,वन विभाग व सामाजिक संस्थाओं के द्वारा वनमहोत्सव कार्यक्रम समय समय पर आयोजित किए जाते हैं ।

    कार्यक्रम में अध्यक्षता करते हुए बाल योगी महंत चरण दास महाराज व कार्यक्रम आयोजक राष्ट्रीय युवा पुरस्कार अवॉर्डी अशोक कुमार ने कहा कि पूर्व शिक्षामंत्री के द्वारा यहाँ अटल त्रिवेणी लगाई गई है और वे जंगल व वनमहोत्सव अभियान से भी जुड़े हैं और उन्होंने छांया दार ,फलदार व अन्य औषधीय पौधे लगाए हैं। कहा कि जंगल अभियान जिला उपायुक्त अजय कुमार के द्वारा यहाँ शुरू किया गया था,जिसको अनेक संगठनों के साथ आगे बढ़ाया जा रहा है।कहा कि हमें गांव-गांव में वन महोत्सव मनाना चाहिए। जंगल तैयार होते हैं तो जहा पर्यावरण को सबसे बड़ी सुरक्षा तो मिलती ही है साथ में पशु पक्षियों व जीव जंतुओं को भी जंगलों के द्वारा संरक्षण मिलता है।

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