बंटी शर्मा सुनारिया पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी एक आदर्शवादी और प्रशंसनीय राजनेता थे. 1996 में वे पहली बार प्रधानमंत्री बने थे. 1998 में फिर से उन्होंने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली, इसके बाद वे तीसरी बार 1999 में प्रधानमंत्री बने और 2004 तक अपना कार्यकाल पूरा किया. हम आपको बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ऐसे पहले गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री थे, जिन्होंने पांच साल का कार्यकाल पूरा किया था. अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर, 1924 को मध्य प्रदेश के ग्वालियर के शिंदे का बाड़ा मुहल्ले में हुआ था. उनके पिता पंडित कृष्ण बिहारी वाजपेयी अध्यापक थे और माता कृष्णा देवी घरेलू महिला थीं. वे अपने माता-पिता की सातवीं संतान थे. उनसे बड़े तीन भाई और तीन बहनें थीं. उन्होंने विक्टोरिया कॉलेज (जिसे अब लक्ष्मीबाई कॉलेज के नाम से जाना जाता है) से स्नातक स्तर की शिक्षा ग्रहण की थी. कॉलेज जीवन में ही उन्होंने राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेना शुरू कर दिया था. उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शाखा प्रभारी के रूप में भी कार्य किया था. 1957 में देश की संसद में जनसंघ में सिर्फ चार सदस्य थे जिसमें एक अटल बिहारी बाजपेयी भी थे. क्या आप जानते हैं कि संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए हिंदी में भाषण देने वाले अटल जी पहले भारतीय राजनीतिज्ञ थे. अटल बिहारी वाजपेयी की पहचान एक कवि की भी थी. उनका कविता संग्रह ‘मेरी इक्वावन कविताएं’ उनके समर्थकों में खास लोकप्रिय है. साल 2015 में उन्हेंर भारत के सर्वोच्चव नागरिक सम्माखन भारत रत्नह से सम्मालनित किया गया था. प्रधानमंत्री के पद पर रहते हुए उन्होंने कुछ ऐसे फैसले लिए जिससे भारत की अर्थव्यवस्था की दिशा ही बदल गई थी. उन्होंने देश को एक अलग ऊँचाइयों पर पहुँचाया था जिसे सम्पूर्ण देश आज भी याद करता है. वे देश को अलविदा कह चुके है परन्तु आइये इस लेख के माध्यम से उनकी उपलब्धियों के बारे में अध्ययन करते हैं. भारत रत्न अटल बिहारी वाजपयी ने कहा था, “व्यक्ति को सशक्त बनाना देश को सशक्त बनाना है. सशक्तिकरण तेजी से आर्थिक विकास के माध्यम से तेजी से सामाजिक परिवर्तन के साथ किया जाता है”. दरअसल, ये शब्द देश के प्रति उनके योगदान में परिलक्षित होते हैं. उन्होंने न केवल भारत की अर्थव्यवस्था में सुधार किया बल्कि समाज के वंचित वर्ग को ऊपर उठाने के लिए सामाजिक सुधार भी शुरू किए थे. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की उपलब्धियां भारत की GDP ग्रोथ में बढ़ोतरी (8% increase in GDP growth rate) उन्होंने आर्थिक सुधारों को पेश किया और भारत को नई ऊंचाइयों पर ले गए. 1998 से 2004 तक उनके कार्यकाल में भारत की GDP ग्रोथ की बढ़ोतरी 8 फीसदी तक हुई, महंगाई दर 4 फीसदी से कम और विदेशी मुद्रा भंडार पूरी तरह भरे रहे. हालांकि उनके कार्यकाल के दौरान भारत को भूकंप (2001), दो चक्रवात (1999 और 2000), एक भयानक सूखा (2002-2003), तेल संकट (2003), कारगिल संघर्ष (1999), और एक संसद हमले सहित आपदाजनक घटनाओं का सामना करना पड़ा था फिर भी उन्होंने एक स्थिर अर्थव्यवस्था बनाए रखी थी. जिस कारण उनकी पार्टी बीजेपी को वास्तविक आर्थिक अधिकार रखने वाली पार्टी की छवि मिली और साथ ही भारत भी आर्थिक प्रगति की तरफ बढ़ा. निजीकरण (Privatisation) अटल विहारी वाजपेयी ने प्राइवेट बिजनस और इंडस्ट्री को बढ़ावा देते हुए सरकार की भागीदारी को कम कीया. इसके लिए उन्होंने अलग से विनिमेश मंत्रालय बनाया. सबसे महत्वपूर्ण फैसला भारत ऐल्युमिनियम कंपनी (BALCO) और हिंदुस्तान जिंक, इंडिया पेट्रोकेमिकल्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड और VSNL में विनिमेश का था. वित्तीय उत्तरदायित्व अधिनियम शुरू किया (Fiscal Responsibility Act was introduced) उन्होंने वित्तीय उत्तरदायित्व अधिनियम को आगे बढ़ाया जिसका उद्देश्य राजकोषीय घाटे को कम करना और सार्वजनिक क्षेत्र की बचत को बढ़ावा देना था. इससे पब्लिक सेक्टर सेविंग्स वित्त वर्ष 2000 में GDP के -0.8 फीसदी की तुलना में वित्त वर्ष 2005 में बढ़कर 2.3 फीसदी तक पहुंच गई थी. इंडियन टेलीकॉम इंडस्ट्री में वृद्धि (Rise in Indian Telecom Industry) उनकी सरकार ने नई दूरसंचार नीति के तहत राजस्व-साझाकरण मॉडल पेश किया जिसने दूरसंचार कंपनियों को निश्चित लाइसेंस शुल्क से निपटने में मदद की. भारत संचार निगम लिमिटेड का गठन भी नीति निर्माण और सेवा के प्रावधान को अलग करने के लिए बनाया गया था. दूरसंचार विवाद निपटान अपीलीय प्राधिकरण के निर्माण ने सरकार के नियामक और विवाद निपटान की भूमिकाओं को भी अलग कर दिया. अंतर्राष्ट्रीय टेलीफोन सेवा विदेश संचार निगम लिमिटेड को पूरी तरह समाप्त कर दिया था. जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था को एक नई दिशा मिली. सर्व शिक्षा अभियान (Sarva Shiksha Abhiyan) 6 से 14 साल के बच्चों को मुफ्त प्राथमिक शिक्षा देने के लिए एक सामाजिक योजना की शुरूआत की गई. 2001 में वाजपेयी सरकार ने सर्व शिक्षा अभियान को लॉन्च किया. योजना लॉन्च होने के 4 सालों के अंदर ही स्कूल से बाहर रहने वाले बच्चों की संख्या में 60 फीसदी की गिरवाट देखने को मिली. ऐसे भी देश की आर्थिक तरक्की हुई. वैश्विक स्थर के संबंधो को मजबूत किया (Rise in Global ties) उनके कार्यकाल के दौरान, भारत ने अपने व्यापार में सुधार किया और चीन के साथ क्षेत्रीय विवादों को कम किया. 2000 में, उन्होंने शीत युद्ध के बाद द्विपक्षीय संबंधों में सुधार, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन को आमंत्रित भी किया था. उन्होंने सीमावर्ती आतंकवाद और कश्मीर पर चर्चा के लिए जुलाई, 2001 में दो दिवसीय आगरा शिखर सम्मेलन की बैठक के लिए तत्कालीन राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को भारत में आमंत्रित किया था. इसके अलावा, अटल जी ने 19 फरवरी 1999 को ऐतिहासिक दिल्ली-लाहौर बस के उद्घाटन के साथ भारत और पाकिस्तान के बीच सड़क कनेक्टिविटी को ग्रीन सिग्नल दिया था. स्वर्णिम चतुर्भुज और ग्राम सड़क योजना (Goldern Quadrilateral & Pradhanmantri Gramin Sadak Yojna) अटल बिहारी वाजपेयी की सबसे बड़ी उपलब्धियों में उनकी महत्वाकांक्षी सड़क परियोजनाएं हैं, जिसे उन्होंने लॉन्च किया था. इनमें स्वर्णिम चतुर्भुज और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना शामिल हैं. स्वर्णिम चतुर्भुज योजना ने चेन्नई, कोलकाता, दिल्ली और मुंबई को हाईवे नेटवर्क से जोड़ा. वहीं, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के जरिए गांवों को पक्की सड़कों के जरिए शहरों से जोड़ा गया. विज्ञान और अनुसंधान (Science and Research) वाजपेयी ने चंद्रयान -1 परियोजना पारित की. भारत के 56वें स्वतंत्रता दिवस पर, उन्होंने कहा, “हमारा देश अब विज्ञान के क्षेत्र में उच्च उड़ान भरने के लिए तैयार है. मुझे यह घोषणा करने में प्रसन्नता हो रही है कि भारत 2008 तक चंद्रमा के लिए अपना स्वयं का अंतरिक्ष यान भेज देगा. इसे चंद्रयान नाम दिया जा रहा है”. उन्होंने भारत को परमाणु हथियार राज्य बना दिया. 1998 में, भारत ने एक सप्ताह में पांच परमाणु परीक्षण किए थे. पोखरण परमाणु परीक्षण भारत को परमाणु ऊर्जा बनाने की प्रमुख उपलब्धि है. नए विभागों का गठन (Creation of new departments) अटल बिहारी वाजपेयी सरकार को जनजातीय मामलों के मंत्रालय, उत्तर-पूर्व क्षेत्र विभाग और सामाजिक कल्याण मंत्रालय को सामाजिक न्याय मंत्रालय में परिवर्तित करने के लिए नए विभागों के निर्माण के लिए भी श्रेय दिया जाता है. तो ये थीं देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की उपलब्धियां, योगदान जिससे देश को एक नई दिशा मिली और नई उचाईयों पर पहुंचा Post navigation आत्महत्याएं केवल मनोवैज्ञानिक या भावनात्मक कारक नहीं हैं एकम के तीसरे ऑनलाइन वर्ल्ड पीस फेस्टिवल में बिखरे आध्यात्मिता के इंद्रधनुषी रंग