किसान फसली ऋण आढ़ती की बजाए बैंकों से सीधा लें

रमेश गोयत

चंडीगढ़, 14 अगस्त- हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जेपी दलाल ने कहा है कि किसान फसली ऋण आढ़ती की बजाए बैंकों से सीधा लें, इसके लिए भी एक आपदा फण्ड की योजना तैयार करने पर विचार चल रहा है। बैंकों द्वारा आमतौर पर फसल ऋण पर ब्याज दर सात प्रतिशत लिये जाने के बावजूद अन्नदाता को सरकार फसली ऋण जीरो प्रतिशत पर उपलब्ध करवा रही है। दलाल ने कहा कि सात प्रतिशत ब्याज दर के फसली ऋण में तीन प्रतिशत केन्द्र सरकार तथा चार प्रतिशत राज्य सरकार वहन करती है। इस तरह किसान को जीरो प्रतिशत पर ही फसल ऋण दिया जाता है।

उन्होंने कहा कि किसानों को उसकी भूमि की उपयोगिता व आय के अनुसार वित्त प्रबन्धन किस प्रकार से किया जाए, इसके लिए हरियाणा सरकार ने 17,000 किसान मित्र लगाने का निर्णय लिया है, जो किसानों को वॉलंटियर्स के रूप में परामर्श देंगे। इसी प्रकार केंन्द्र सरकार द्वारा हाल ही में घोषित आत्मनिर्भर भारत के 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज में एक लाख करोड़ रुपये कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए रखा गया है, जिसमें 3900 करोड़ रुपये हरियाणा के लिए निर्धारित किए गए हैं। वेयरहाउस, एग्रो बेस्ड इन्डस्ट्री व अन्य इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करने में इसमें से अधिक से अधिक राशि हरियाणा के किसान को मिले, इसके लिए योजनाएं बनाई जा रही हैं।

दलाल ने कहा कि कृषि के साथ-साथ पशुपालन व्यवसाय से भी किसान की आय बढ़े इसके लिए किसान के्रडिट कार्ड की तर्ज पर पशुपालन के्रडिट कार्ड योजना लागू की गई है और अब तक 1,40,000 पशुपालकों के फार्म भरवाए जा चुके हैं। बैंकर्स ने भी स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर एक लाख पशुपालन के्रडिट कार्ड जारी करने का आश्वासन दिया है।

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