-भाजपा के शीर्ष नेता बनाना चाहते हैं अपनी पसंद का जिला अध्यक्ष
-गुरुग्राम जिला अध्यक्ष का पद है खास
-एक सप्ताह में घोषित हो जाएंगे जिला अध्यक्ष
-15 दिन में हो जाएगी प्रदेश कार्यकारिणी की घोषणा

भारत सारथी/ऋषि प्रकाश कौशिक

प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़

पंचकूला में नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ ने 22 जिलों के संगठन से बातचीत पूर्ण की। 10 से रोहतक में, 5 से हिसार में और 7 जिलों से पंचकूला में।

आज की बैठक में भी उन्होंने अपनी बात दोहराई और कहा कि सप्ताह में जिला अध्यक्ष घोषित हो जाएंगे और 15 दिन में प्रदेश कार्यकारिणी की घोषणा हो जाएगी। यही बात सुनकर भाजपा के पद पाने के इच्छुक नेता सक्रिय हो चुके हैं और जिसका जहां पहुंच है अपने संपर्कों से पद पाने के लिए लगे हुए हैं। इसमें वैसे तो संपूर्ण हरियाणा के 22 के 22 जिलों में यह चल ही रहा है परंतु गुरुग्राम विशेष है।

अब हम गुरुग्राम की बात करें तो गुरुग्राम साइबर सिटी है। हरियाणा की आर्थिक राजधानी है और दक्षिण हरियाणा का द्वार है। इन्हीं कारणों से यहां केंद्रीय नेताओं और प्रदेश के मंत्रियों का आवागमन सदैव होता रहता है। अत: उनकी अगुवाई करने का कार्य जिला अध्यक्ष का ही है। इस कारण यह माना जाता है कि यदि गुरुग्राम का जिला अध्यक्ष सक्षम हो तो वह अपनी पहुंच दिल्ली दरबार पहुंचा सकता है और यही कारण है कि गुरुग्राम के जिला अध्यक्ष के लिए संघर्ष भारी है।

इसी बात को समझते हुए शीर्ष नेता भी यह चाहते हैं कि जिला अध्यक्ष उनका समर्थक बने। इस कार्य में मुख्यमंत्री, राव इंद्रजीत सिंह और गुरुग्राम के विधायक प्रयास कर रहे हैं। इनके अतिरिक्त भी सूत्र बताते हैं कि केंद्र के नेता भी इसमें रूचि दिखा रहे हैं। ऐसी अवस्था में गुरुग्राम के जिला अध्यक्ष का चुनाव अपने आपमें बहुत अहम हो जाता है।

इनमें से भी हो सकता है गुरुग्राम का जिला अध्यक्ष

ऐसा माना जाता है कि जिला अध्यक्ष चरित्रवान, सामथ्र्यवान, संगठनात्मक गुण रखने वाला होना चाहिए। प्रदेश अध्यक्ष जिन्हें यह फैसला करना है, उन्होंने आज भी कहा कि मुझे कार्यकर्ता से शत-प्रतिशत काम लेना आता है। इस कड़ी में गुरुग्राम में यदि नजर डालें तो यादव जाति से कुलदीप यादव, कमल यादव, मनीष यादव, अनिल यादव आदि के नाम चर्चा में हैं। सभी अपने आपको योग्य व समर्थ बता रहे हैं और सभी के पीछे किसी न किसी बड़े नेता का आशीर्वाद भी है, जिनमें मनीष यादव अपनी संगठन की कार्यकुशलता युवा अध्यक्ष रहकर दिखा चुके हैं।

इसी प्रकार जाट समाज से अनिल गंडास व मनीष गाडौली के नाम भी चर्चा में हैं। पंजाबी समाज से अनुराग बख्शी, गार्गी कक्कड़ ही चर्चा में नजर आ रहे हैं। यूं नाम अन्य बहुत हैं किंतु चर्चा इन्हीं की अधिक है।

अब ब्राह्मण समाज की बात करें तो ब्राह्मण समाज में भी मनोज शर्मा, कुलभूषण भारद्वाज के नाम प्रमुखता से लिए जा रहे हैं। इनके अतिरिक्त भी कोई हो सकता है तो मुकेश शर्मा का नाम चर्चा में है कि वह अपने संबंधों से बाजी मार सकते हैं।

यह तो हुई चर्चित नामों की बात। परंतु हमारे सूत्र कुछ ऐसा कह रहे हैं कि प्रदेश अध्यक्ष की नजर कहीं और ही है। वह ऐसा व्यक्ति चाहते हैं इस मुख्य जिले के लिए कि संगठनात्मक, नेतृत्व क्षमता उन्होंने परख रखी हो। वैसे पिछले कुछ दिनों में अपनी कार्यशैली से धनखड़ जी ने यह संदेश देने का प्रयास किया है कि वह पार्टी के हितार्थ ही कार्य कर रहे हैं। संगठन में जो भी आएंगे वह जांचे-परखे व्यक्ति ही होंगे।

कुछ गुरुग्राम के भाजपाइयों में यह भी चर्चा सुनी गई कि धनखड़ जी गुरुग्राम में जो जिला अध्यक्ष बनाएंगे, हो सकता है वह प्रदेश स्तर का नेता हो और वह यह कहकर कि पार्टी के हितार्थ आपको यह जिम्मेदारी संभालनी है तो प्रदेश स्तर के नेता को भी यह पद दे सकते हैं।

गार्गी कक्कड़
जीएल शर्मा

इन नामों में लिए जा रहे हैं वह गार्गी कक्कड़, जीएल शर्मा का लिया जा रहा है। प्रदेश स्तर पर कार्य कर चुके हैं और जीएल शर्मा तो देश में जहां भी चुनाव होते हैं, वहां जाकर अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करते हैं। यह चर्चा सुनकर दिल कुछ माना नहीं तो गार्गी कक्कड़ को फोन करके पूछा कि आपका नाम जिला अध्यक्ष की दौड़ में बताया जा रहा है तो उनका उत्तर था कि मैं प्रदेश स्तर की जिम्मेदारी संभाल रही हूं। आप क्या चाहते हो कि मैं ऊपर से नीचे आऊं? इस पर पूछा कि यदि पार्टी का आदेश हुआ तो उनका उत्तर था कि भाजपा का सच्चा कार्यकर्ता पार्टी के आदेश की उल्लंघना नहीं करता।

दूसरे चर्चित नाम जीएल शर्मा से फोन पर बात की तो उनका उत्तर था कि क्यों मजाक कर रहे हो। मैं जहां भी चुनाव होते हैं, वहां जाकर अपना कार्य करता हूं और प्रदेश कार्यों की जिम्मेदारियां भी निभा रहा हूं और वर्तमान में तो मेरे भाजपा कार्यालयों के निर्माण के अतिरिक्त और कुछ सोचने का समय ही नहीं है। अत: आप इस प्रकार की बाते न ही करें। फिर भी आगे उनसे पूछा कि यह तो बता दो कि पार्टी की ओर से आदेश आया, प्रदेश अध्यक्ष ने आपसे कहा कि आप यह जिम्मेदारी संभालो, फिर आप क्या कहेंगे। उनका उत्तर था कि मेरे पास यह सब सोचने का समय नहीं है। अभी मेरा सारा ध्यान कार्यालय निर्माण की ओर है। अगर कभी इस प्रकार स्थितियां उत्पन्न होगी तो सोच लिया जाएगा।

उपरोक्त परिस्थितियों को देखते हुए ऐसा अनुमान लगाकर कहना कि यही व्यक्ति जिला अध्यक्ष हो सकता है, संभव लगता नहीं। जितना महत्वपूर्ण गुरुग्राम जिला अध्यक्ष का पद है, उसी के अनुसार उतना सस्पेंस भी है। आने वाला एक सप्ताह इसी सस्पेंस में गुजर जाएगा और यह समय ही बताएगा कि धनखड़ जी किन नियमों, आदर्शों को देखते हुए जिला अध्यक्ष का नाम घोषित करेंगे। किसी का दबाव मानेंगे या अपनी कार्यक्षमता और बुद्धि पर विश्वास अपनी मर्जी से नाम घोषित करेंगे।

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