भाजपा सरकार ने किसानों को अपनी फसल को कही भी बेचने की दी आजादी : प्रवीण अत्रे आजादी के दिन काले झंडे फहराना शहीदों का अपमान पंचकूला। आजादी के लिए देश के लाखों शूरवीरों ने अपना बलिदान दिया है और देश का किसान तो जब भी जरुरत पड़ी है देश के लिए सबसे आगे आकर अपनी जिम्मेदारी निभाता है। देश के अन्नदाता ने अपनी दरातियाँ पिघलाकर तलवारें बनाई और देश के दुश्मनों के सामने सीना तान के खड़े हो गए। ये कहना है भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश पेंलिस्ट प्रवीण अत्रे का। वीरवार को भाजपा प्रदेश पेंलिस्ट प्रवीण अत्रे पंचकूला में स्थित भाजपा कार्यालय में एक प्रेसवार्ता को संबोधित कर रहे थे उनके साथ भाजपा के जिला अध्यक्ष दीपक शर्मा, भाजपा के प्रदेश पेंस्लिस्ट रमणीक सिंह मान मौजूद थे। अत्रे ने कहा कि जब से मोदी सरकार ने किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए नए अध्यादेश लेकर आई है तब से विपक्ष को एक और काम मिल गया है, विपक्ष अपने राजनीतिक मौहरों का इस्तेमाल करके जनता में इन नए अध्यादेशों के खिलाफ भ्रम फैला रहा है द्य उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार जो नए आध्यादेश लेकर आई है उससे किसानों के लिए कृषि घाटे का सौदा नहीं रहेगा। किसान डायरेक्ट मार्केटिंग करने और अपने उत्पाद को मंडी के अतिरिक्त कही भी बेचने को स्वतंत्र होगा। उन्होंने कहा कि क्या कोई भी देशभक्त नागरिक 15 अगस्त जो कि आजादी के पर्व का दिन होता है ऐसे पवित्र दिन को काला झंडा फहराने की सोच सकता है? लाखो शहीदों ने आजादी के लिए अपना सर्वोच्य बलिदान दिया। देश का जवान इस तिरंगे के सम्मान के लिए सरहद पर अपनी जान दाव पर लगाता है। क्या काला झंडा फहराना उन शहीदों का देश के जवानों का अपमान नहीं है? देश का जवान किसान का ही भाई, बेटा होता है, कोई किसान ऐसा कोई काम नहीं कर सकता जिससे देश के जवानों का अपमान हो। प्रदर्शन करने के लिए वर्ष के 363 दिन आप स्वतंत्र है, परन्तु दो दिन देश के लिए जो बहुत ही पवित्र है 26 जनवरी और 15 अगस्त। यदि कोई व्यक्ति इन दो दिनों में काला झंडा फहराने की बात करता है तो ये देश और देश पर शहीद हुए शहीदों की शहादत का अपमान होगा। Post navigation पंचकूला में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने किया प्रदर्शन अजय गौतम को मिला कोरोना वॉरियर्स सम्मान पत्र