भिवानी/शशी कौशिक

 श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पूरे देश में धूम धाम से मनाई जा रही है। तिथि और नक्षत्र अलग-अलग दिन पडऩे के चलते यह पर्व दो दिन मनाया गया है। मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को रोहणी नक्षत्र में हुआ था। हालांकि, इस वर्ष यह तिथि और नक्षत्र एक साथ एक दिन नहीं पड़ रहे हैं। बल्कि अलग-अलग दिन पड़ रहे हैं। ऐसे में कई जगहों पर जन्माष्टमी 11 अगस्त को मनाई गई है। वहीं, कई जगहों पर यह 12 अगस्त को मनाई गई है।

भिवानी हनुमान जोहड़ी धाम नरसिंह मंदिर में वैष्णव संप्रदाय के द्वारा 12 अगस्त को जन्माष्टमी पर्व मनाया गया है। कोविड-19 के चलते हैं इस बार मंदिर परिसर में बड़ा कार्यक्रम आयोजित नहीं किया गया है। जन्माष्टमी पर्व पर मंदिर परिसर में होने वाले सभी बड़े उत्सव रद्द कर दिए गए। बाल योगी महंत चरण दास महाराज ने बताया कि मंदिर परिसर में हर वर्ष भगवान श्री कृष्ण का जन्म उत्सव बड़े चहल-पहल के साथ मनाया जाता है । लेकिन इस बार कोरोना महामारी के चलते इस प्रकार का बड़ा कार्यक्रम आयोजित नहीं किया गया है। कहा कि मंदिर परिसर के अंदर भगवान के दरबार को सजाया गया है, साथ में भगवान का पालना और कावड़ को सजाया है।

महंत चरण दास महाराज ने कहा कि बाल गोपाल श्री कृष्ण के जन्म उत्सव पर मंदिर परिसर में जलवा पूजन, कान्हा बधाई, ठाकुर जी के दर्शन यह सब कार्यक्रम सामाजिक दूरी को बनाते हुए कम संख्या में रहे और इसी के साथ 18 दिवसीय गीता पाठ का आयोजन भी मंदिर परिसर में आज से शुरू किया गया है। उन्होंने कहा  कि 18 दिवसीय गीता पाठ कार्यक्रम को लेकर सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं। 18 दिवसीय गीता पाठ कार्यक्रम में विशेष आशीर्वाद गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज का रहेगा।