विभिन्न कर्मचारी संगठनों का मांगों के समर्थन में  प्रदर्शन.
संडे को साइबर सिटी गुरुग्राम हो गई लाल ही लाल

फतह सिंह उजाला

पटौदी । पटौदी के नागरिक अस्पताल परिसर से आशा वर्कर का धरना प्रदर्शन संडे को साइबर सिटी गुरुग्राम में पहुंचकर प्रचंड विरोध प्रदर्शन के रूप में बदल गया । हालांकि संडे को गुरुग्राम जिला मुख्यालय पर विभिन्न कर्मचारी संगठनों के कर्मचारी सदस्यों के द्वारा सामूहिक विरोध प्रदर्शन अपनी मांगों के समर्थन में किया गया । विरोध प्रदर्शनकारियों की संख्या को देखते हुए कानून व्यवस्था के दृष्टिगत भारी पुलिस बल भी तैनात रहा ।

इस दौरान विभिन्न कर्मचारी संगठन के पदाधिकारियों के साथ-साथ आशा वर्कर्स के द्वारा भी सरकार को अपनी मांगों के समर्थन में गुरुग्राम के तहसीलदार को ज्ञापन सौपे गए । संडे को साइबर सिटी गुरुग्राम में विभिन्न सड़क मार्गों पर कर्मचारी संगठनों के नेतृत्व में किए गए विरोध प्रदर्शन के दौरान, हर जोर जुल्म की टक्कर में संघर्ष हमारा नारा है, इंकलाब जिंदाबाद-इंकलाब जिंदाबाद, खट्टर सरकार मुर्दाबाद-खट्टर सरकार मुर्दाबाद, कितनी लंबी जेल है तेरी-तेरी है ना मेरी है, कर्मचारी एकता जिंदाबाद जैसे नारे गूंजते रहे । यह विरोध प्रदर्शन एटक, सीटू ,एचएमएस, इंटक व अन्य कर्मचारी संगठनों के द्वारा अपनी अपनी मांगों के समर्थन में किया गया।

इन कर्मचारी संगठनों की एक ही मांग रही कि सरकार कर्मचारी मजदूर वर्ग से किए गए अपने वायदों को यथाशीघ्र पूरा करें । यह विरोध प्रदर्शन सीटू के जिला प्रधान भंवर लाल यादव, जिला महासचिव धर्मवीर सैनी ,एटक के कामरेड बलवीर, इंटक के एसएन दहिया, एचएमएस के बलवान , आशा वर्कर की जिला अध्यक्ष श्रीमती मीरा, जनवादी महिला मोर्चा की उषा सिरोहा , सर्व कर्मचारी संघ के रामनिवास ठाकरान व अध्यापक संघ के बैनर तले किया गया।  इस विरोध प्रदर्शन में हजारों की संख्या में विभिन्न संगठनों से जुड़े हुए कर्मचारी और सदस्य मौजूद रहे ।

सबसे अधिक मौजूदगी विरोध प्रदर्शन के दौरान आशा वर्कर की दिखाई दी और बीते लंबे समय से अपनी मांगों को मनवाने के लिए विरोध प्रदर्शन सहित संघर्ष करती आ रही आशा वर्कर्स में सरकार से आर-पार की लड़ाई लड़ने की घोषणा करते हुए ऐलान किया कि आशा वर्कर की हड़ताल अब सोमवार से गुरुवार तक 4 दिन के लिए और जारी रहेगी । ऐसे में आशा वर्कर्स के हड़ताल पर चले जाने से स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य प्रकार के कार्य प्रभावित होना निश्चित है । कोरोना काल के दौरान आशा वर्कर के द्वारा किए गए किए जा रहे फील्ड के कार्यों को एकदम अनदेखा और नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है । क्योंकि जहां जहां भी कोरोना कॉविड 9 संक्रमित पीड़ित व्यक्ति हैं वहां की पूरी स्थिति पर नजर रखना और संबंधित विभाग के साथ-साथ वरिष्ठ अधिकारियों को उपलब्ध कराया जाता है।

ऐसे में संडे को गुरुग्राम में जो विरोध प्रदर्शन हुआ , उसमें बड़ी संख्या में सिटी के अलावा देहात के इलाके से भी विभिन्न कर्मचारी संगठनों के सदस्य और कर्मचारियों ने भी अपनी मौजूदगी दर्ज करवाई । अब देखना यह है कि कर्मचारी संगठनों के द्वारा अपनी मांगों को मनवाने के लिए गेंद सरकार के पाले में डाल दी गई है और सरकार कर्मचारियों की लंबित मांगों पर क्या कुछ कार्यवाही करती है यह भविष्य के गर्भ में छिपा है ।

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