चुने गए जनप्रतिनिधि गोलमाल करने में कसर नहीं छोड रहे.
अधिकारियों से मिली भगत करके बैक डेट में प्रस्ताव पास

फतह सिंह उजाला

पटौदी। हरियाणा सरकार का पढ़ी लिखी पंचायत बनाने का सपना तो साकार हो गया। लेकिन चुने गए जनप्रतिनिधि गोलमाल करने में कसर नहीं छोड रहे है। हैरत की बात तो यह है कि सरपंच गोलमाल को दबाने के लिए पंचों के फर्जी हस्ताक्षर और अधिकारियों से मिली भगत करके बैक डेट में प्रस्ताव पास करने में भी गुरेज नहीं कर रहे है।

एक ऐसा ही मामला खंड के गांव ख्वासपुर में सामने आया है। सरपंच द्वारा एक नहीं बल्कि कार्यवाही पुस्तिका में 20 प्रस्तावों पर वार्ड 8 के पंच महेश यादव के फर्जी हस्ताक्षर करके अपना कोरम पूरा दिखा कर प्रस्तावों की खानापूर्ति की गई है। पंच के फर्जी हस्ताक्षरों का खुलासा लगाई गई आरटीआई के जवाब में सरपंच द्वारा कराये गए दस्तावेजों से हुआ है। सरपंच के खिलाफ फर्जी साइन करने खिलाफ पंच ने खंड विकास एंव पंचायत अधिकारी फर्रुखनगर, एसडीएम पटौदी, डीडीपीओ गुरुग्राम, एडीसी गुरुग्राम, जिला उपायुक्त को सबूत सहित लिखित शिकायत देकर कार्रवाई की मांग की है। शिकायत कर्ता पंच ने सभी हस्ताक्षरों की नमुना हस्ताक्षर विशेषज्ञ द्वारा जांच की रिपोर्ट भी सलग्न की है।

सम्बंधित अधिकारियों को दी गई गई शिकायत में गांव ख्वासपुर निवासी पंच महेश यादव ने बताया कि गांव के सरपंच प्रहलाद यादव द्वारा दिनांक 29 मई 2016 से 27 जून 2018 तक पंचायत की कार्यवाही पुस्तिका में उसके 20 हस्ताक्षर फर्जी करके अपना कोरम पूरा करने का कार्य किया है। जो नियमों के खिलाफ है। इतना ही नहीं सरपंच द्वारा कई प्रस्ताव भी पिछली तिथियों में पंचों के हस्ताक्षर करवा कर पास दिखा रखे है। इससे प्रतीत होता है कि सरपंच द्वारा गांव में कराए गए विकास कार्यों में कितनी पारदर्शिता है। महेश यादव ने बताया कि फर्जी हस्ताक्षरों की जानकारी उसके पिता राव रामनिवास पहलवान द्वारा लगाई गई आरटीआई के जवाब में  सरपंच प्रहलाद व खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी द्वारा 26 मई 2020 में दिए गए दस्तावेजों से जानकारी मिली। जब उन्होंने सरपंच के खिलाफ स्थानीय अधिकारियों से कार्रवाई की मांग की तो उन्होंने की नमुना हस्ताक्षर विशेषज्ञ से सभी हस्ताक्षरों की जांच कराने के लिए कहा। उन्होंने विभाग द्वारा दिए गए 97 पृष्टों पर किए गए हस्ताक्षरों की जांच कराई गई तो उनमें से 20 पृष्टों पर उसके हस्ताक्षर फर्जी दर्शाय गए है।

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