रमेश गोयत

चंडीगढ़।  मेहर चंद महाजन डीएवी कॉलेज फॉर वीमेन के पोस्टग्रेजुएट डिपार्टमेंट ऑफ़ इकोनॉमिक्स द्वारा आयोजित दस दिवसीय इंटरनेशनल स्टूडेंट डवलपमेंट प्रोग्राम (एसडीपी) का समापन हुआ। प्रतिभागियों के ज्ञान क्षितिज को समृध्द करने के उद्देश्य से आयोजित इस एसडीपी की एक विशेषता यह भी थी कि इसमें शामिल लगभग सभी विशेषज्ञ कॉलेज के एलुमनाई हैं तथा  प्रतिष्ठित संगठनों जैसे कि इंडियन इकोनॉमिक सर्विसेज, नीती आयोग, लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स, पंजाब यूनिवर्सिटी और पीजीआईएमईआर इत्यादि से जुड़े हैं । यूएसए, ऑस्ट्रेलिया और देश के विभिन्न क्षेत्रों से 12 एलुमनाई सहित कुल 18 विशेषज्ञों ने इस कार्यक्रम में अपना व्याख्यान दिया ।

 इस कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में पंजाब यूनिवर्सिटी की प्रो हर्ष गांधार ने देश में शिक्षा, कौशल विकास और युवा आकांक्षाओं जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर प्रतिभागियों से बातचीत की । इस दस दिवसीय आयोजन में पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़ की डॉ तन्वी किरण, पीजीआईएमईआर, अमेरिका के सवाना  कॉलेज आर्ट्स से सुश्री सुप्रिया ढाका, श्रम और रोजगार मंत्रालय, चंडीगढ़ में आईईएस अधिकारी सुश्री अर्शी खोसला,  मेहर चंद महाजन  डीएवी कॉलेज में पूर्व एसोसिएट प्रोफेसर श्रीमती रमा कश्यप, लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स की पूर्व छात्रा तथा नीती आयोग में कार्यरत सुश्री आस्था शर्मा, वित्तीय कंपनी फिनफिक्स की संचालक सुश्री प्रभलीन, ऑस्ट्रेलिया में मानवाधिकार पत्रिका ‘राइट नाऊ’ की संपादक सुश्री गरिमा, बेंगलुरु से शोधकर्ता और वक्ता सुश्री मृदुल  कैसर परमानेंटे, अमेरिका में निदेशक के पद पर कार्यरत डॉ सरब कोचर सहित विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों ने अपने विचार साझा किये ।

कार्यक्रम के समापन समारोह में प्रोफेसर स्वर्ण सिंह, चेयरपर्सन, सेंटर फॉर इंटरनेशनल पॉलिटिक्स, ऑर्गेनिज़शन एंड डिपार्टमेंट, स्कूल ऑफ़ इंटरनेशनल स्टडीज, जेएनयू, नई दिल्ली समापन समारोह में  बतौर विशिष्ट अतिथि उपस्थित थे ।

प्रो स्वर्ण सिंह ने ‘द इकोनॉमिक्स ऑफ चाइना राइज एंड इट्स इम्पैक्ट’ विषय पर बात करते हुए कहा कि इस तथ्य से कोई इनकार नहीं करता है चीन की तरक्की अभूतपूर्व रही है परन्तु यह बुनियादी तौर पर एक आर्थिक वृद्धि है और ग्लोबल लीडरशिप का दावा करने पहले चीन को भी अभी भी एक लंबा रास्ता तय करना है । प्रो सिंह ने ‘चाइना मिरेकल’ की व्याख्या करते हुए प्रतिभागियों को चीन की अर्थव्यवस्था में आंतरिक बदलाव के बारे में विस्तार से बताया। 

कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ निशा भार्गव ने इकोनॉमिक्स विभाग के इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि यह एसडीपी संस्थान के साथ-साथ इससे जुड़े सभी व्यक्तियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि एमसीएम में इस तरह के कार्यक्रम के आयोजन कर अपने हितधारकों के समग्र विकास के अपने उद्देश्य को आगे बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयासरत है ।

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