हेलीमंडी नगरपालिका के दलित बस्ती के लोगों ने किया प्रदर्शन.
राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम सौंपे गए ज्ञापन.
एससी वर्ग के लोगों का आरोप राजनीतिक द्वेष में ढ़हाए मकान

फतह सिंह उजाला

पटौदी । एक तरफ पूरे देश में भगवान श्री राम मंदिर के शिलान्यास को लेकर उत्साह का माहौल बना हुआ दिखाई दिया , वहीं दूसरी ओर भगवान श्री राम मंदिर के शिलान्यास के मौके पर पटौदी के लघु सचिवालय में खट्टर सरकार मुर्दाबाद के नारे लगाए गए । यह एक संयोग ही रहा की एक तरफ राम मंदिर का शिलान्यास हुआ तो वही गरीब दलित वर्ग के लोगों ने अपने तोड़े गए आवास के विरोध में प्रदर्शन किया । यह विरोध प्रदर्शन केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के द्वारा स्थापित दलित सेना के बैनर तले किया गया ।

बुधवार को पटौदी के नवनियुक्त एसडीएम की गैरमौजूदगी में एसडीएम कार्यालय में एसडीएम की रीडर को पीड़ित परिवारों के द्वारा दलित सेना के बैनर तले देश के राष्ट्रपति, देश के प्रधानमंत्री और प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम अलग-अलग ज्ञापन सौपे गए । इससे पहले हेलीमंडी नगर पालिका के वार्ड 7 बाबा हरदेवा कॉलोनी के संतपाल ,महेश, कालू , तुलेस ,धर्म सिंह , राजेश, प्रमिला, मोना ,ओमवती , भारती, संतोष , मानबाई , शांति सहित अन्य लोगों ने पटौदी के लघु सचिवालय में पहुंचकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के विरोध में हाथों में पट्टियां लेकर जमकर नारेबाजी की ।

ज्ञापन देने वालों में मुख्य रूप से दलित सेना के जिला अध्यक्ष जय भगवान रंगा , दलित सेना के ही रामकिशन रेवारिया , इनेलो के प्रदेश प्रवक्ता सुखबीर तंवर सहित अन्य दलित नेता भी मौजूद रहे । देश के राष्ट्रपति प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम सौंपे गए ज्ञापन में पीड़ित दलित परिवारों के द्वारा आरोप लगाया गया है कि 30 जुलाई को हेलीमंडी वार्ड 7 बाबा हरदेवा कॉलोनी में कथित राजनीतिक द्वेष को लेकर बिना कोई पूर्व सूचना दिए पालिका प्रशासन के द्वारा गरीबों के दलितों के मकानों पर जेसीबी चला दी गई। इनका कहना है कि तोड़फोड़ करने से पहले पालिका प्रशासन के द्वारा किसी भी सक्षम अदालत और उच्च अधिकारी के आदेश की प्रति नहीं दी गई । इतना ही नहीं बरसात और मानसून के मौसम में घरों में रखा सामान तक निकालने का मौका नहीं दिया गया। 

दलित नेता रामकिशन रेवाड़ीया और जय भगवान रंगा सहित अन्य ने ज्ञापन सौंपने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि बाबा हरदेवा कॉलोनी वार्ड नंबर 7 में जो तोड़फोड़ की गई है अथवा गरीबों के कदीमी मकान आवास जमींदोज दिए गए हैं, उसका एक ही कारण है कि तरुण त्रिवेणी वन क्षेत्र के पास रहने वाले दलित ,बाल्मीकि, धानक व अन्य वर्ग के लोग यहां कूड़ा डालने का विरोध करते आ रहे हैं । इस संदर्भ में पटौदी के विधायक सत्यप्रकाश जरावता के द्वारा पटौदी के निवर्तमान एसडीएम राजेश कुमार प्रजापत की मौजूदगी में पालिका प्रशासन को आदेश दिए गए थे कि जब तक कूड़ा डालने की समस्या का समाधान नहीं हो जाए उस साइट पर जो भी प्रोजेक्ट का निर्माण हो रहा है वह रोक दिया जाए । इन नेताओं का सीधा सीधा आरोप है कि इसी बात से चिढ़कर और मुद्दा बनाकर पूर्व नियोजित तरीके से यहां गरीबों दलितों के मकान ऐसे ढहा दिए गए जैसे कि यह बहुत बड़े और संगीन, वांछित अपराधी हैं । दलित नेताओं ने सवाल किया कि एक तरफ तो देश के प्रधानमंत्री मोदी यह कह रहे हैं कि हर परिवार को घर मिलेगा और दूसरी तरफ हेलीमंडी पालिका प्रशासन के अधिकारी, हेलीमंडी पालिका चेयरमैन सुरेश यादव के राजनीतिक दवाब को देखते हुए दलितों पर अत्याचार करते आ रहे हैं ।

वही जिन लोगों के मकान आवास नेस्तनाबूद किए गए हैं, उनका कहना है कि एक तरफ तो सरकार गरीबों दलितों के पुनर्वास की योजना के साथ जमीन और आवास की सुविधा उपलब्ध करवा रही है। दूसरी तरफ हेलीमंडी नगर पालिका प्रशासन प्रधानमंत्री मोदी और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की घोषणाओं को पलीता लगाते हुए बिना किसी कानूनी आदेश के दलितों गरीबों के मकानों को तोड़ कर अपनी तानाशाही का परिचय करा रहा है ।

इन सभी पीड़ित लोगों ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से मांग की है कि बिना किसी कोर्ट के आदेश और उच्च अधिकारी के लिखित आदेश के बिना दशकों पुराने बने हुए मकान-आवास को नेस्तनाबूद कर गरीबों को कोरोना काल में खुले आसमान के नीचे रहने के लिए मजबूर किया जाने पर आरोपी अधिकारियों और जनता के चुने हुए जनप्रतिनिधियों के खिलाफ कानून के मुताबिक कठोर कार्यवाही की जाए । साथ ही यथाशीघ्र पुनर्वास की व्यवस्था भी सरकार उपलब्ध करवाएं।