घटना हेलीमंडी नगर पालिका क्षेत्र में सोमवार की.
सोमवार रात 12 बजे हुई पेयजल की आपूर्ति.
गर्मी और उमस के मौसम में लोग हुए बेहाल

फतह सिंह उजाला

पटौदी ।   जो काम वन विभाग को करना चाहिए था, वह नहीं हो सका । अंततः वर्षों पुराना सूखा और खोखला पेड़ अपने आप ही हल्की सी हवा के झोंके में धड़ाम से गिरा।  यह खोखला पेड़ भारी भरकम था और गिरा भी तो सीधे अपने साथ दो बिजली के पोल भी लपेटे में ले लिए।  बिजली के पोल लपेटे में लेने से मुख्य बिजली आपूर्ति की लाइन भी क्षतिग्रस्त हो गई । हेलीमंडी की यह घटना सोमवार देर शाम के समय की है।

हेलीमंडी में गोपी कृष्ण वाटिका के आसपास में वर्षों पुराना एक सूखा और खोखला पेड़ है । स्थानीय लोगों के मुताबिक इस पेड़ को और इसके गिरने की संभावना से संभावित खतरे को देखते हुए वन विभाग से इस पेड़ को हटाने का कई बार अनुरोध करते हुए सूचना भी दी गई । लेकिन वन विभाग इस भारी-भरकम सूखे और खोखले पर की लोकेशन के साथ साथ आसपास में बिजली आपूर्ति के तार और लगे पॉल को देखते हुए यह फैसला नहीं कर पाया कि सूखे पेड़ को किस प्रकार से हटाया जाए ? इसी बीच सोमवार शाम को करीब 5 बजे के आसपास हल्की सी हवा के झोंके ने इस भारी-भरकम सूखे लेकिन खोखले पेड़ को गिरा दिया और जब पेड़ गिरा तो ऐसा गिरा कीबिजली आपूर्ति के तारों के साथ पोल को भी अपने लपेटे में ले लिया। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक मोटे और मजबूत पेड़ बिजली आपूर्ति के तारों में उलझ गया और सीधा सड़क पर नहीं गिरा। यदि यह बिजली के तारों में नहीं उलझता और सड़क पर गिरता तो ऐसे में कोई भी वाहन अथवा वाहन चालक हादसे का शिकार हो सकता था ।

बहरहाल हादसा तो नहीं हुआ , लेकिन पेड़ की चपेट में दो पोल और बिजली आपूर्ति के तार आने से हेलीमंडी क्षेत्र में बिजली आपूर्ति पूरी तरह से ठप हो गई । जब लोगों के द्वारा बिजली निगम कार्यालय में शिकायतें की गई तो भेद खुला की पेड़ गिरने से बिजली की आपूर्ति ठप हुई है । बिजली आपूर्ति ठप होने से सोमवार शाम के समय पेयजल आपूर्ति भी समय पर नहीं हो सकी । इसके अलावा गर्मी और उमस के बीच आम लोग परेशान होते रहे। गर्मी और उमस के साथ-साथ रात के अंधेरे में मच्छरों ने भी चैन नहीं लेने दिया । बिजली निगम के कर्मचारियों ने कई घंटे की मेहनत के बाद स्वयं ही बिजली के तार और पोल को नुकसान पहुंचाने वाले पेड़ को जैसे-तैसे हटाया और रात करीब 11 बजे के आसपास बिजली की आपूर्ति बहाल हो सकी । इस दौरान तमाम लोगों के घरों में लगे इनवर्टर भी जवाब दे गए । जिससे कि बुजुर्ग और छोटे बच्चे गर्मी और उमस में परेशान होते रहे । रात करीब 11 बजे बिजली की आपूर्ति बहाल हुई और उसके बाद मध्य रात्रि 12 बजे पीने के पीने के पानी की आपूर्ति की गई । गर्मी के मौसम में पानी के अभाव में भी सैकड़ों लोग परेशान हुए । मध्य रात्रि 12 बजे बिजली आने के बाद जब  पानी की आपूर्ति हुई तो आम लोगों ने अपनी जरूरत का पानी भरकर राहत की सांस ली ।

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