नई खेल ग्रेडेशन पॉलिसी के अन्तर्गत ग्रेडेशन सर्टिफिकेट देने की मांग

 चंडीगढ़,3 अगस्त। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने आरोप लगाया है कि सरकार 2019 में कर्मचारी चयन आयोग द्वारा स्पोर्ट्स कोटा में चयनित 1518 ग्रुप डी कर्मचारियों को भी नौकरी से निकालने पर आमादा दिखाई दे रही है। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा ने यह आरोप लगाते हुए बताया कि हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने विधानसभा चुनाव से पहले 1518 कर्मचारियों का चयन हरियाणा सरकार की खेल ग्रेडेशन पॉलिसी 1993 के सर्टिफिकेट के आधार पर स्पोर्टस कोटे में किया था। नौकरी ज्वाइनिंग के 6 महीने बाद सरकार ने इन खिलाड़ियों से नई खेल ग्रेडेशन पॉलिसी के अन्तर्गत ग्रेडेशन सर्टिफिकेट देने की मांग की।

उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा ऐसा न करने पर इनकी सेवाएं बर्खास्त करने के नोटिस दिए गए। जबकि विज्ञापन संख्या 4/2018 में इसका कोई उल्लेख नहीं किया गया था। केवल ग्रेडेशन मांगा गया था। उन्होंने बताया कि इन कर्मचारियों की नियुक्ति आॅनलाइन डाक्यूमेंट्स की जांच पड़ताल करने के बाद हुई थी। उन्होंने बताया कि इन नोटिसों को खेल कोटे में लगे 1518 कर्मचारियों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी। जिसका फैसला कर्मचारियों के पक्ष में आया। कर्मचारियों के अनुसार हाईकोर्ट के समक्ष यह तर्क रखा गया कि कोई नई नीति बन जाने से पुरानी नीति के तहत प्राप्त ग्रेडेशन सर्टिफिकेट अमान्य नही हो सकते। इस तर्क को हाईकोर्ट ने मानते हुए 1993 खेल ग्रेडेशन नीति के अंतर्गत प्राप्त सर्टिफिकेट को ठीक मानते हुए उनके हक में फैसला दिया।

एसकेएस के महासचिव सतीश सेठी ने बताया कि माननीय हाईकोर्ट की सिंगल बेंच में इन कर्मचारियों को हटाने में नाकाम रही हरियाणा सरकार डबल बेंच में चली गई  और अब वहां 17 अगस्त को इस केस का फैसला आने की संभावना है। उन्होंने बताया कि सरकार के अपने ही कर्मचारी चयन आयोग द्वारा चयनित कर्मचारियों के प्रति इस प्रकार के आचरण से पिछले 18 महीने से सरकारी विभागों में सेवाएं दे रहे इन 1518 कर्मचारियों एवं उनके परिजनों की सांसें अटकी हुई है। उन्होंने बताया कि हाईकोर्ट के इस फैसले का प्रभाव स्पोर्ट्स कोटे में चयनित करीब 194 क्लर्क,30 जेई सिविल व 14 जेई इलैक्ट्रिकल पर भी पड़ेगा। क्योंकि इनका भी चयन 1993 की खेल ग्रेडेशन नीति के अंतर्गत सर्टिफिकेट के आधार पर हुआ है। सरकार ने इस फैसले के आने तक इनकी ’वाइनिंग रोकी हुई है।

मुख्यमंत्री व खेल मंत्री से मामले शीध्र हस्तक्षेप की मांग

सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा व महासचिव सतीश सेठी ने माननीय मुख्यमंत्री व खेल मंत्री से मामले में तुरंत हस्तक्षेप कर हाईकोर्ट में दायर याचिका को वापस लेने का अनुरोध किया है। ताकि 1518 परिवार राहत की सांस ले सकें। उन्होंने कहा कि अगर सरकार की हठधर्मिता के कारण इन कर्मचारियों की नौकरी चली गई तो 1983 बर्खास्त पीटीआई के साथ मिलकर यह 1518 कर्मचारियों को भी सामने सड़कों पर उतर कर आंदोलन करने पर मजबूर होना पड़ेगा। क्योंकि कर्मचारी पुरी तरह निर्दोष है। उन्होंने बताया कि सरकार ने ग्रुप डी की इस भर्ती को बिना खर्ची-पर्ची और पारदर्शिता के साथ करने का जोर शोर से प्रचार किया था। जिसका भाजपा को चुनाव में भी फायदा भी मिला था। अगर सरकार की हठधर्मिता के चलते इन 1518 ग्रुप डी के कर्मचारियों की नौकरी चली गई तो सरकार के सभी दावों की स्वत: ही पोल खुल जाएगी। उन्होंने बताया कि इन कर्मचारियों में सैकड़ों ऐसे भी कर्मचारी हैं,जो दुसरी जगहों से नौकरी छोड़ कर आए थे।

error: Content is protected !!