अशोक कुमार कौशिक

नारनौल। आगामी 5 अगस्त को प्रात: 11 बजे जयराम सदन महेंद्रगढ़ में कारसेवकों को सम्मानित किया जाएगा। उक्त बातें भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा ने प्रेस के नाम जारी एक बयान में कही।

 श्री शर्मा ने कहा कि 30 अक्टूबर 1990 को अयोध्या में होने वाली कार सेवा के लिए महेंद्रगढ़ विधानसभा क्षेत्र से लगभग 61 व्यक्ति गए थे जिनमें से लगभग 30 व्यक्तियों की मृत्यु हो चुकी है। जिंदा बचे लोगों को अयोध्या में मंदिर के लिए भूमि पूजन वाले दिन 5 अगस्त को सम्मानित करने का फैसला किया है। जिसके लिए सभी कार सेवको को निमन्त्रण दे दिया गया है। पूर्व मंत्री ने बताया कि वे 23 अक्टूबर 1990 को महेंद्रगढ़ विधानसभा क्षेत्र के 61 कारसेवकों के साथ स्वयं अयोध्या के लिए रवाना हुए थे। जब वे सभी लोग अयोध्या जा रहे थे तो युपी पुलिस ने उन्हें 25 अक्टूबर को हापुड़ के पास से गिरफ्तार कर रात को न्यायालय में पेश किया जहां से उन्हें डीएवी कालेज बुलंदशहर में बनाई गई अस्थाई जेल में बंद कर दिया गया। 30 अक्टूबर 1990 को दिन में तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने कारसेवकों पर गोली चलाने का पुलिस को आदेश दे दिया था जिनमें काफी संख्या में देश भर से पहुंचे कारसेवक गोली का शिकार हो गये थे।

 श्री शर्मा ने बताया कि 30 अक्तूबर को दिन में गोली चलने के बाद रात को जेल से हमें रिहा कर दिया गया। श्री शर्मा ने कहा कि 40 वर्षो के लंबे संघर्ष के बाद 5 अगस्त को वह दिन देखने को मिलेगा जिसका देशवासी पल-पल प्रतीक्षा कर रहे हैं यानी कि 5 अक्टूबर को अयोध्या में श्रीराम मंदिर का निर्माण शुरू होने जा रहा है। उन्होंने बताया कि श्री राम मंदिर निर्माण में देशवासियों को अपनी बड़ी कुर्बानी भी देनी पड़ी थी। उन्होंने कहा कि मंदिर निर्माण के लिए उनके व अन्य कार सेवकों के साथ जेल में बिताई गई रातों को याद कर आज भी उन्हें पुलिस द्वारा किये गये अत्याचार कि याद ताजा हो जाती है। 

 उन्होंने कहा कि 1990 में अयोध्या में होने वाली कार सेवा पर तत्कालीन प्रदेश सरकार ने काफी अत्याचार किए थे उन्हें व साथ में राम भक्तों को जेल में यातनाएं दी गई थी।

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