मुस्लिम समुदाय की सराहनीय पहल, बकरे की क़ुरबानी ना देकर पहली बार मनाई मिठी ईद

सभी नमाजिय़ों ने अपने घर पर ही की है नमाज़ अदा

भिवानी/मुकेश वत्स

 इस बार भिवानी में मुस्लिम समुदाय ने मानवता की नई मिसाल पेश की है। यहां पहली बार बकर ईद पर बकरों की बली देने की बजाय मुस्लिम समुदाय ने मानवता दिखाते हुए बकरे की कीमत का दूध, ब्रेड व फल जरूरतमंदों को बांटे। इस बार मुस्लिम समुदाय ने बकर ईद की बजाय मिठी ईद मनाते हुए मिठे पकवान भी बनाए।

मुस्लिम समुदाय में ईद पर्व का बहुत महत्व है। खासकर बकर ईद का। इस दिन मुस्लिम समुदाय के लोग नमाज अदा करते हैं और बकरे की बली देकर अल्ला से दुआ मांगते हैं। पर इस बार ऐसा कुछ नहीं हुआ। इस बार कोरोना महामारी के चलते सभी नमाजियों ने मस्जिद की बजाय अपने घरों में ही नमाज अदा की। यही नहीं इस बार पहली बार मुस्लिम समुदाय ने बकर ईद पर बकरे की बली ना देकर जरूरतमंदों की मदद कर

मानवता की नई मिशाल भी पेश की। मुस्लिम ससुदाय कमेटी के जिला प्रधान जोरावर अली ने बताया कि कोरोना महामारी के चलते सभी नमाजियों को अपने घरों में ही नजाम अदा करने को कह दिया गया था। उन्होने बताया कि इस बार बकरों की बली नहीं दी गई बल्कि बकरे की कीमत के बराबर किमत का दूध, ब्रोड व फल लाकर जरूरतमंदों में बांटे गए। उन्होने कहा कि इस बार किसी जानवर की बली देने को दिल नहीं माना। इस बार बकर ईद को भाईचारे, प्यार व मोहब्बत के तौर पर मनाया गया है।

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