चालान काटने पर भी व्यक्ति को नही दिया जा रहा मास्क
4212 लोगो के पुलिस ने किए बिना मास्क के चालान
रमेश गोयत
पंचकूला, 30 जुलाई। प्रदेश की मिनी राजधानी पंचकूला में जिला पुलिस ही हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल व प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज के आदेशो की सरेआम धज्जिया उड़ा रही है। दूसरे जिलों में क्या हाल होगा। पुलिस लोगों को मास्क पहनने के लिए प्रेरित करने तो दूर, चालान काटने में ही जूटी है। 500 रूपये की राशि का चालान काटने पर भी गलती करने वाले व्यक्ति को एक भी मास्क नही दिया जा रहा। पचकूला में सभी पुलिस थाना व पुलिस चौकी के द्वारा अब तक 4212 लोगो के बिना मास्क के चालान कर चुकी है। जबकी मुख्यमंत्री व प्रदेश के गूह मंत्री ने चालान काटते समय उल्लघंन करने वाले व्यक्ति को कम से कम पांच-पांच मास्क वितरित करने के आदेश दिए हुए है। चालान काटते समय उल्लघंन करने वाले व्यक्ति चालान की राशि देने के बाद पुलिस से जब सरकार के आदेशानुसार मास्क की मांग करते है तो पुलिस द्वारा चलता बनने की बात करती है। पंचकूला सैक्टर 11 में पीसीआर 5 पर तैनात एसआई बलदेव सिंह व उकी टीम ने बुधवार देररात्रि दर्जनो उल्लघंन करने वाले व्यक्तियों के चालान किए। मगर मास्क मागने पर किसी को भी एक भी मास्क नही दिया। एसआई बलदेव सिंह ने बताया कि सरकार की तरफ से पुलिस विभाग को काई मास्क उपलब्ध नही करवाए जा रहे है। हम मास्क कहा से खरीदे। सरकार तो आदेश देकर भूल जाती है। हमें अपने अधिकारियों के आदेश माननें है। जब मास्क आएगें बांट देगें। सरकार के आदेश लागू होने में समय तो लगता है।
वही 29 जुलाई बुधवार को ही हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अधिकारियों को अनलॉक-3 में लोगों को मास्क पहनने के लिए प्रेरित करने का विशेष अभियान चलाने के आदेश दिए थे। इसके अलावा, यातायात चौराहों, शहरी स्थानीय निकाय विभाग के वाहनों तथा सूचना, जन सम्पर्क एवं भाषा विभाग के प्रचार वाहनों से भी मास्क पहनने या गमछा से मुंह ढकने के लिए प्रचार-प्रसार करने के आदेश दिए हुए है। मुख्यमंत्री ने पुलिस विभाग को भी निर्देश दिए कि मास्क/गमछा न पहनने वाले व्यक्तियों पर सख्ती बरतें तथा मौके पर ही चालान काटते समय उल्लघंन करने वाले व्यक्ति को कम से कम पांच-पांच मास्क वितरित करें। यदि कोई व्यक्ति जानबूझ कर मास्क नहीं पहनता है तो उसे यह संदेश भी दिया जाए कि भविष्य में किसी भी समय चालान की राशि 500 रुपये से बढ़ाकर 1000 रुपये कर दी जाएगी। मगर यह आदेश-आदेश ही बनकर रह गए।