चंडीगढ़, 29 जुलाई – हरियाणा पुलिस द्वारा देश में निजी सुरक्षा एजेंसी विनियमन अधिनियम (पीएसएआए) 2009 के लागू होने के बाद अब तक 1000 से अधिक निजी सुरक्षा एजेंसियों को लाइसेंस प्रदान किया है, जबकि 137 लाइसेंसों का नवीनीकरण किया गया है।केंद्रीय सरकार द्वारा देश में निजी सुरक्षा एजेंसियों के कामकाज को नियंत्रित करने के लिए 15 मार्च 2006 को निजी सुरक्षा एजेंसी विनियमन अधिनियम, 2005 (29 आॅफ 2005) अधिसूचित किया गया था। हरियाणा सरकार ने अधिनियम के तहत लाइसेंस देने की प्रक्रिया व नवीनीकरण को विनियमित करने के लिए नियम बनाए हैं। उक्त एक्ट को एक कंट्रोलिंग अथाॅरिटी के माध्यम से लागू किया गया है। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था), श्री नवदीप सिंह विर्क, जो निजी सुरक्षा एजेंसियों को लाइसेंस देने के लिए कंट्रोलिंग अथाॅरिटी का कार्यभार भी संभाल रहे हैं, ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि अधिनियम का उद्देश्य देश में सुरक्षा गार्डों की बढ़ती मांग को विनियमित तरीके से पूरा करना तथा साथ ही हमारे युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करना है। इसके अतिरिक्त, राज्य में निजी सुरक्षा कार्यबल का एक डेटाबेस भी बना हुआ है और पुलिस राज्य में सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए फोर्स मल्टीप्लायर के रूप में उनका उपयोग करती है। नए लांइसेंस/नवीनीकरण की प्रक्रिया होगी और सरल लाइसेंस के बारे में अधिक जानकारी देते हुए श्री विर्क ने बताया कि हरियाणा पुलिस द्वारा अब तक 8 निजी सुरक्षा प्रशिक्षण संस्थानों को भी लाइसेंस जारी किए हैं। यह लाइसेंस एक पारदर्शी प्रक्रिया के तहत आवेदक के चरित्र और पूर्ववृत्त के सत्यापन के बाद दिए जाते हैं। निजी सुरक्षा एजेंसियों और निजी सुरक्षा प्रशिक्षण संस्थानों के लिए सभी दस्तावेजों की एक चेकलिस्ट हरियाणा पुलिस की वेबसाइट पर उपलब्ध करवाई गई है। निजी सुरक्षा एजेंसी को लाइसेंस पांच साल की अवधि के लिए जारी किया जाता है और नवीनीकरण की प्रक्रिया को अपनाने के बाद इसे रिन्यू किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि नए लाइसेंस देने या लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए आवेदन की औपचारिकताओं को और अधिक सरल बनाया जा रहा है और जल्द ही इसकी सूचना दी जाएगी। श्री विर्क ने कहा कि एक्ट में उल्लेखित प्रावधानों के अनुसार, कोई भी व्यक्ति निजी सुरक्षा एजेंसी या मैनपावर व्यवसाय शुरू नहीं कर सकता जब तक कि उसके पास इस संबंध में पीएसएआए के तहत जारी लाइसेंस न हो। इसके अतिरिक्त, ऐसी एजेंसियों को ड्रेस कोड का भी पालन करना भी अनिवार्य है क्योंकि निजी सुरक्षा गार्ड पुलिस और सशस्त्र बलों के समान वर्दी नहीं पहन सकते हैं। उक्त अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन किए जाने पर दंड के साथ जुर्माने का भी प्रावधान है। कंट्रोलिंग अथाॅरिटी व अतिरिक्त डीजीपी ने हरियाणा में कार्यरत सभी निजी सुरक्षा एजेंसियों को सलाह जारी करते हुए कहा कि उन्हें निजी सुरक्षा एजेंसी विनियमन अधिनियम की शर्तों का सख्ती से पालन करना चाहिए। Post navigation एसवाईएल नहर निर्माण मुद्दा : आपसी बात से सुलझता तो यह मामला न तो वर्षों तक लटका रहता : विद्रोही महाग्राम को ‘महान’ ग्राम बनाने की तैयारी, साफ-सुथरे होंगे प्रदेश के बड़े गांव