-दमकल विभाग ने जांच में एनओसी बताई फर्जी, डीईओ को भेजी संबंधित स्कूल
के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की सिफारिश
-स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन ने की थी उपायुक्त को शिकायत, नहीं की कोई
कार्रवाई, फिर मांगी आरटीआई तो खुला मामला

भिवानी, 28 जुलाई। भिवानी जिले के गांव आसलवास मरहेटा के एक निजी स्कूल द्वारा दमकल विभाग की फर्जी एनओसी के आधार पर शिक्षा विभाग से नौंवी से बारहवीं कक्षा तक धोखाधड़ी से मान्यता लेने का गड़बड़झाला उजागर हुआ है। दरअसल दमकल विभाग ने फर्जी एनओसी की जांच के बाद रिपोर्ट में स्कूल की एनओसी को फर्जी करार देते हुए जिला शिक्षा अधिकारी को संबंधित निजी स्कूल के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की सिफारिश भी की है, क्योंकि निजी स्कूल पर डीईओ ही कार्रवाई करने में सक्षम अधिकारी हैं। हैरानी की बात तो यह भी है
कि स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन ने इस संबंध में उपायुक्त को शिकायत दी थी, लेकिन डीसी व डीईओ कार्यालय ने मामले की शिकायत ही दबा डाली।

स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने इसी मामले में आरटीआई के तहत जुटाए गए दस्तावेजों के आधार पर मामले को शिक्षा निदेशालय व उपायुक्त को फिर से कर दी। इसी मामले में उपायुक्त कार्यालय ने मामले की जांच दमकल विभाग को सौंपी। दमकल विभाग ने जांच में पाया कि आसलवास मरहेटा के वत्स एजुकेशन सोसायटी/ वत्स इंटली प्रभुराम सीनियर सेकेंडरी स्कूल द्वारा कक्षा नौंवी से बारहवीं तक जिस एनओसी पर मान्यता ली है वह एनओसी फर्जी है। जो विभाग द्वारा जारी ही नहीं की गई है। इस एनओसी पर एक गोलपुरा के सरकारी स्कूल के प्राचार्य ने भी हस्ताक्षर किए हैं, जबकि सोसायटी के प्रधान ने भी इसे सत्यापित किया हुआ है। मगर दमकल विभाग में इस एनओसी का कोई जिक्र तक नहीं है। अब दमकल विभाग ने इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी को आसलवास मरहेटा के संबंधित स्कूल के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कराए जाने की सिफारिश की है।

ये है पूरा मामला

बृजपाल सिंह परमार ने बताया कि वर्ष 2014 में आसलवास मरहेटा के वत्स इंटली प्रभुराम सीनियर सेकेंडरी स्कूल ने 2 सितंबर 2014 को दमकल विभाग से एनओसी ली थी। लेकिन इसी एनओसी के सीरियल नंबर की एनओसी को चार साल बाद 2 सितंबर 2018 को फिर से खुद ही फर्जी तरीके से केवल सन बाल पैन से बदल दिया, जबकि तारीख वही रखी गई। इसी फर्जी एनओसी को मान्यता के लिए लगा
दिया। एक ही सीरियल नंबर की फर्जी एनओसी पर जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से मिलीभगत कर निजी स्कूल संचालक ने शिक्षा निदेशालय से नौंवी से बारहवीं तक मान्यता धोखाधड़ी से हासिल कर ली। बृजपाल सिंह परमार ने बताया कि दमकल विभाग से आरटीआई के जरिए स्कूल की एनओसी के संबंध में जानकारी मांगी तो जवाब में फर्जीवाड़े का खुलसा हो गया।

ये है कार्रवाई का प्रावधान

बृजपाल सिंह परमार ने बताया कि फर्जी एनओसी से स्कूल में नौंवी से बारहवीं तक मान्यता लेने पर आईपीसी की धारा 120बी, 420,467,468,470,471 के तहत कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है। ऐसे मामले में संबंधित शिक्षा अधिकारी के माध्यम से संबंधित पुलिस थाने में केस भी दर्ज कराया जाना अनिवार्य है।

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