• कहा-ये चुनाव चुनाव सरकार बनाम बरोदा की जनता का चुनाव है
• बरसाती जलभराव से प्रभावित गाँव गढ़वाल, बनवासा, रींढाना, छपरा का किया दौरा, सरकार से जल्द उचित मुआवजा देने की मांग की
• कहते थे किसान की आमदनी दोगुनी करेंगे, खर्चे कर दिये दोगुने
• किसान विरोधी अध्यादेशों पर संसद में सरकार को झुकाने का काम करेंगे
• न किसान का कोई काम हुआ न नौजवान का कोई काम हुआ; भयानक दौर से गुजर रही है देश की अर्थव्यवस्था
• पहले यूपी, बिहार से रोजगार की तालाश में लोग हरियाणा आते थे, मगर अब इस सरकार ने नौजवानों को बेरोजगारी की तरफ झोंक दिया

सोनीपत, 26 जुलाई। राज्य सभा सांसद व CWC सदस्य दीपेंद्र हुड्डा ने आज बरोदा हलके के गांव गंगाना, बुटाना, बनवासा वाया कोहला, गढ़वाल का दौरा किया। वे बरसात के कारण बुरी तरह प्रभावित गाँव गढ़वाल, बनवासा, रींढाना, छपरा आदि में पहुंचे, जहाँ खेतों में पानी भरने से फसलों को भारी क्षति हुई है। सांसद दीपेन्द्र ने खुद खेतों में फसलों को हुए नुकसान का मुआयना किया और सरकार से बरसाती पानी की निकासी कराने व पीड़ितों को जल्द उचित मुआवजा देने की मांग की। उन्होंने सोनीपत के गोहाना में विधायक जगबीर मलिक के निवास पर आयोजित पत्रकार वार्ता को भी संबोधित किया। सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने प्रदेश सरकार पर सीधा हमला करते हुए कहा कि मौजूदा सरकार सरकारी तंत्र का दुरुपयोग कर रही है। बहुत से सरपंचों पर दबाव बना रही है। उनके फोन टेप किये जा रहे हैं। दीपेंद्र हुड्डा ने सरकार को चेताया कि चुनाव में सरकारी तंत्र का प्रयोग करने से सफलता नहीं मिलेगी। हमारे इलाके को सरकार जितना निशाने पर लेगी, उतनी बड़ी हार का मुंह बरोदा में भाजपा को देखना पड़ेगा। ये चुनाव सरकारी तंत्र और बरोदा की जनता के बीच है, और मुझे अटूट विश्वास है कि बरोदा की जनता जीतेगी और सरकारी तंत्र हारेगा।

दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि चुनाव में इस सरकार की विफलता का मुद्दा है, बरोदा हलके की पूर्ण अनदेखी का मुद्दा है और हुड्डा सरकार के समय यहां किये गये काम का मुद्दा है। यही गांव, यही खेत मेरी कर्मभूमि रहे हैं। ये इलाका स्वाभिमानी इलाका है। लोगों ने अब फैसले का मन बना लिया है। यहां चुनाव का नतीजा प्रदेश की राजनीति को नयी दिशा देने का काम करेगा। नतीजे वाले दिन से ही इस सरकार की उल्टी गिनती शुरु हो जायेगी। इस इलाके के काम बनाम भाजपा की खट्टर सरकार में इलाके की अनदेखी का हिसाब-किताब 36 बिरादरी इस चुनाव में लेगी।

सांसद दीपेंद्र ने किसानों की दुर्दशा का मुद्दा उठाते हुए कहा कि भाजपा ने गत चुनाव में किसानों की आमदनी दोगुनी करने का वायदा करके वोट मांगे थे और उसके सत्ता में आते ही किसानों की आमदनी पहले जितनी भी नहीं रही और खर्चे दोगुने हो गये। कांग्रेस सरकार के समय किसानों को फसल के अच्छे रेट मिलते थे और वो कर्ज मुक्त हो गया था। वहीं किसान आज अपनी जमीन की फर्द हाथ में लेकर बैंक के सामने कर्जा लेने की लाइन में खड़ा होने को मजबूर है। आज दुनिया में सबसे महंगा डीजल और पेट्रोल हिन्दुस्तान में है। खाद महंगी हो गयी। भाव बढ़ाया नहीं, खरीद में किसान को मुश्किलों का सामना करना पड़ा। किसान की दुर्दशा हो गयी, गरीबों की योजनाएं बंद कर दी। वजीफों में कोई बढ़ोत्तरी तक नहीं हुई। वजीफा योजना में घोटाला अलग कर दिया। न किसान का कोई काम हुआ न नौजवान का कोई काम हुआ। पूरे देश की अर्थव्यवस्था भयानक दौर से गुजर रही है। न्यूनतम समर्थन मूल्य और खरीद का सिस्टम में बदलाव की बात आ रही है। तीन अध्यादेश लाये गये हैं उनमें बहुत से किसान विरोधी कदम उठाये गये हैं। दीपेंद्र ने कहा कि नये अध्यादेश के अनुसार कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग यदि लागू हो गयी तो किसान अपने ही खेत में मजदूर हो जायेगा। ये सोचकर वो बेहद निराश है। सरकार को चेताते हुए सांसद दीपेंद्र ने कहा कि पिछले दरवाजे से अध्यादेश लाकर सरकार इसमें जल्दबाजी न करे। उन्होंने कहा कि संसद में भूमि अधिग्रहण कानून की तरह ही सरकार को इन तीनों अध्यादेशों पर झुकाने का काम करेंगे।

उन्होंने कहा कि आज हर वर्ग इस सरकार से दुःखी है। चाहे किसान हो, नौजवान, गरीब, छोटा व्यापारी या प्रदेश का कर्मचारी हो। पूरा प्रदेश इस सरकार की कार्यशैली से दुःखी है। जो प्रदेश हुड्डा सरकार के समय विकास दर में, प्रति व्यक्ति आय, रोजगार, खेल में नंबर एक था वो प्रदेश आज बेरोजगारी में नंबर एक हो गया। सीएमआइई की रिपोर्ट के मुताबिक पूरे देश में सबसे ज्यादा 33.6 प्रतिशत बेरोजगारी दर हरियाणा में है। यानी हरियाणा की बेरोजगारी ने जम्मू कश्मीर, यूपी, बिहार को भी पीछे छोड़ दिया, इन प्रदेशों से भी ज्यादा बेरोजगारी आज हरियाणा में है। पहले यूपी, बिहार से रोजगार की तालाश में लोग हरियाणा आते थे। मगर अब इस सरकार ने नौजवानों को बेरोजगारी की तरफ झोंक दिया। निवेश कुछ हुआ नहीं, प्राईवेट सेक्टर में कोई नौकरी नहीं है, सरकारी क्षेत्र में जो नौकरियां लगनी चाहिए थी लगी नहीं। इसी के साथ किसान को बर्बाद करने में इस सरकार ने कोई कसर नहीं छोड़ी। हाल का उदाहरण है गेहूं किसान को कितना नुकसान उठाना पड़ा वो आप सबके सामने है। मुख्यमंत्री जी ने खुद घोषणा की थी कि 100 से 200 का बोनस मिलेगा, लेकिन उसका कहीं कोई जिक्र तक नहीं है। खरीद में किसान को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। 20 लाख करोड़ के पैकेज की घोषणा हुई थी जो एक ढकोसला था। एक पैसा भी किसी के पास नहीं पहुंचा।

दीपेन्द्र हुड्डा ने प्रदेश सरकार के भ्रष्टाचार की बात करते हुए कहा कि पहले 5 साल हरियाणा का नुकसान किया, हरियाणा को विकास की पटरी से उतारा। पांच साल में 4 बार हरियाणा जला, इस दौरान व्यापक नुकसान हुआ। अब हरियाणा को खुली तौर पर लूटने का काम कर रही है ये सरकार। उन्होंने आगे कहा कि एक तरफ पूरा देश कोरोना से खुद को बचाने में लगा रहा। जबकि हरियाणा की सरकार धान घोटाला, खनन घोटाला, शराब घोटाले, रजिस्ट्री घोटाले के माध्यम से प्रदेश की भोली-भाली जनता को लूटने में लगी हुई थी। रजिस्ट्री घोटाले में तो बड़े मंत्री के शामिल होने तक की बात सामने आ रही है। उन्होंने सीधा आरोप लगाया कि इस सरकार ने हरियाणा के नौजवान का भविष्य खराब किया है, किसान को बर्बाद करने का काम किया है, गरीब आदमी को चोट पहुंचाने का काम किया है। इसका जवाब 36 बिरादरी के लोग इस चुनाव में देंगे।

सांसद दीपेंद्र ने कहा कि बरोदा हलके में विकास कार्य की बात तो छोड़िये, भाजपा सरकार ने छह साल तक यहां बिजली-पानी देने की भी सुध नहीं ली। अब चुनाव आया तो कई गांव में बिजली बढ़ाने की बात कर रहे हैं। गांवों में पानी निकासी की हमारी मांग पर भी कभी ध्यान नहीं दिया। सोनीपत-गोहाना-जींद हाइवे का काम अब जाकर शुरु करने की घोषणा हुई है। उन्होंने सीधा सवाल पूछा कि छह साल मुख्यमंत्री रहे तो बरोदा के अंदर एक बार भी प्रदेश के मुख्यमंत्री या उनकी सरकार के मंत्री क्यों नहीं आये? एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि बरोदा के लोग चाय में चीनी तो डालते हैं लेकिन मुख्यमंत्री जी को म्हारी चीनी मीठी नहीं लगती। उन्होंने याद दिलाया कि मौजूदा सरकार के स्वास्थ्य मंत्री ने हुड्डा सरकार के समय यहां हुए कामों का तिरस्कार करते हुए कहा था कि हुड्डा सरकार ने गांवों में मेडिकल कॉलेज खड़ा करने का काम किया। इसी प्रकार उन्होंने सोनीपत में हुड्डा सरकार के समय रेल लाइन, हाइवे, मेडिकल कॉलेज, यूनिवर्सिटी के कामों का जिक्र किया। और कहा कि दुर्भाग्य है कि मेडिकल कॉलेज, यूनिवर्सिटी की बात तो दूर है छह साल में भाजपा सरकार ने स्कूलों में एक कमरा बनवाने का भी काम नहीं किया। सांसद दीपेन्द्र ने कहा कि भाजपा और जजपा पहले अलग-अलग दिखते थे लेकिन इस बार गठबंधन के रूप में सारे इकट्ठे हो गए हैं। लड़ाई पूरी तरह आमने-सामने की हो गई है।

उन्होंने हरियाणा में हजारों की संख्या में कोरोना केस बढ़ने पर चिंता जताते हुए कहा कि बड़ी संख्या में लोग संक्रमित हो रहे और लोगों की मौत भी हो रही है। सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही है। उन्होंने अपील की कि सरकार कोरोना महामारी पर ध्यान दे ये गंभीर चिंता का विषय है।

इस अवसर पर विधायक जगबीर मलिक, विधायक गीता भुक्कल, विधायक सुरेंद्र पंवार, विधायक जयबीर बाल्मिकी, विधायक कुलदीप वत्स, विधायक शकुंतला खटक, विधायक सुभाष गांगोली, विधायक बलबीर बाल्मिकी, पूर्व विधायक सुखबीर फरमाना, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व एआईसीसी सदस्य चक्रवर्ती शर्मा, सुरेंद्र दहिया, मनोज रिढाऊ, जितेंद्र हुड्डा, प्रदीप सांगवान, कर्नल रोहित मारे, कमला भावड़, राजू मोर, वीरेंद्र सांगवान, कुलदीप गगाना, अशोक नरवाल, इंदुराज नरवाल, साहिल नरवाल, मोहित मलिक, अनिल निंबड़िया, अनूप मलिक, परमेंद्र जोली, जगदीश भावड़, सुरेश दलाल, सुरेन्द्र शर्मा, सतीश कौशिक, अशोक नरवाल, दिनेश हुडा, कृष्ण मलिक, जंगशेर नुरनखेडा, हवा सिंह ठेकेदार, दिनेश आंतिल, कमला मलिक, संदीप मलिक, सोनू प्रजापती, विनोद मलिक, जयदीप नरवाल, बंसी बाल्मीकि, रोहित दलाल, मुल्कराज मलिक, भरपाई चहल, नीलम बाल्यान, मेहुल मोर, सुनील मान, डॉ. दिलबाग खान, नीरज देशवाल, कर्मपाल फरमाना, राकेश चेयरमैन, भानु प्रधान, राजकुमार कटारिया, सुनील कटारिया, पुनीत राणा, रमेश हुडा कोच, मुकेश तायल, रविन्द्र मोर सहित सैंकड़ों स्थानीय गणमान्य लोग मौजूद रहे।

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