पंचकूला। कारगिल विजय दिवस और शहीद मेजर अनुज सूद की याद में रविवार को रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। शिविर का आयोजन श्री कुंज बिहारी आश्रम सीताराम मंदिर, श्री शिव कांवड़ महासंघ चेरीटेबल ट्रस्ट और श्री शिव लोतरियां मंदिर कमेटी पिंजौर, एचडीएफसी के सौजन्य से लगाया गया। रक्तदान शिविर में पंचकूला वेलफेयर ट्रस्ट के ब्लड बैंक की टीम द्वारा रक्त एकत्रित किया गया। शिविर में 115 यूनिट रक्त एकत्रित किया गया। शिविर का शुभारंभ मुख्यातिथि एसडीएम कालका राकेश संधू ने किया। जिनका श्री शिव कांवड़ महासंघ चेरीटेबल ट्रस्ट के प्रधान राकेश संगर ने स्वागत किया। राकेश संधू और पंचकूला वैल्फेयर ट्रस्ट के प्रधान कुलभूषण गोयल ने रक्तदाताओं से मुलाकात की। दोनों ने उनका हौंसला बढ़ाते हुए कहा कि रक्त का कोई विकल्प नहीं है और इस संकट की कड़ी में शिव कांवड़ महासंघ चेरीटेबल ट्रस्ट और पंचकूला वैल्फेयर ट्रस्ट द्वारा किये जा रहे कार्यों की जितनी सराहना की जाए, उतनी कम है। रक्त की कमी को पूरा करने में भी यह संगठन पीछे नहीं है। गोयल ने बताया कि मौजूदा समय में रक्त की बहुत कमी है और पंचकूला के सरकारी एवं निजी अस्पतालों को ब्लड बैंक पंचकूला वेलफेयर ट्रस्ट से रक्त मुहैया करवाया जा रहा है। जितना रक्त पिछले शिविर में एकत्रित किया था, वह जरूरतमंदों तक पहुंच चुका है। कुलभूषण गोयल ने कहा कि शहर में लोगों को एमरजेंसी में रक्त की कमी को पूरा करने के लिये प्रयास किये जा रहे हैं। राकेश संगर ने लोगों से अपील की है कि वह अधिक से अधिक संख्या में पहुंचकर शिविरों में रक्तदान करें, क्योंकि इन दिनों अस्पतालों में खून की बहुत कमी है और आज खून कई कीमती जिंदगियों को बचा सकता है। उन्होंने अब तक लॉकडाउन और उसके बाद घर से निकलकर रक्तदान करने वालों का आभार व्यक्त किया। इस दौरान शारीरिक दूरी एवं लोगों के मास्क पहनने पर विशेष फोक्स रहा। अंत में रक्तदाताओं को स्मृति चिन्ह, गिफ्ट एवं पौधे भी दिये गये। इस अवसर पर श्री कुंज बिहारी आश्रम सीताराम मंदिर के प्रधान पवन कुमार गुप्ता, शेर चंद चावला, डा. नरेश मित्तल, भूपिंद्र गोयल, आर सी गोयल, अशोक कुमार, रमेश शर्मा, संजीव कुमार, एचडीएफसी के हरीश कुमार, विक्रम सिंह, आसीम, गुलशन कत्याल, लक्षमण सिंह रावत, राजेंद्र कौशल भी उपस्थित थे। Post navigation तस्करी, वाणिज्य और यौन शौषण के विरूद्व किया जागरूक- सीजेएम भारतीय सेना के शौर्यवीरों के पराक्रम की गाथा की गवाही है कारगिल दिवसः प्रदीप चौधरी