दीपा दुबे ने कहा की आम जनता और वीआईपी में फर्क क्यों – प्रशासन से की करवाई की मांग

रमेश गोयत

चंडीगढ़। चंडीगढ़ महिला कांग्रेस अध्यक्ष दीपा दुबे ने कोविड-19 के नियमो की अवेहलना को लेकर मेयर राजबाला मालिक सहित पार्षद और बीजेपी प्रधान अरुण सूद, वार्ड नं 4 की एरिया पार्षद और बीजेपी महिला मोर्चा की प्रधान सुनीता धवन को आड़े हाथों लिया है। दुबे ने साथ ही नियमो की अवलेहना करने पर इन सभी के खिलाफ नगर प्रशासक से करवाई की मांग की है। महिला कांग्रेस प्रधान ने फेसबुक और ट्विटर के जरिये भी नगर प्रशासक से अपील की है।

दुबे ने आरोप लगते हुए सवाल उठाए की क्या सत्ता में बैठे मेयर, पार्षद से लेकर मनोनीत पार्षदों की कोई जिम्मेदारी और जवाबदेही नही बनती है। जो बिना मास्क के सार्वजनिक तौर पर एक दूसरे से मिलते है। उन्हीने कहा कि मास्क या तो इनके हाथो में होता है या यह मुह की बजाए गले मे लटकाकर सार्वजनिक तौर पर एक दूसरे से मिलते है। महिला कांग्रेस प्रधान ने सवाल उठाया कि क्या नियम आम शहरी के लिए ही है, जिन को चूक होते ही चालान और जुर्माने का सामना करना पड़ता है। जब कि सत्ता पक्ष बार बार इस तरह की गलती दोहराते है और उनपर कोई कार्रवाई तक नही होती है।

नगर निगम में एक नॉमिनेटेड पार्षद पॉजिटिव पाए जाते है, लेकिन इसके बाद ही ई पर कोई असर नही है। दुबे का सवाल है कि दुसरो के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ का इनको किस ने हक दिया है। नगर निगम और प्रशासन इस महामारी से लड़ने के लिए दिन रात एक किये हुए है, लेकिन सत्ता में बैठे जनता के यह प्रतिनिधि इसके विपरीत जा कर तीज समारोह में नियमो की अनदेखी करते पाए जाते है। निगम के ही तीज प्रोग्राम में फोटो खीचते हुए मेयर और एक महिला नॉमिनेटेड पार्षद शिप्रा बंसल के मुंह की जगह हाथो में मास्क होते है। इसी तरह बीजेपी के प्रधान अरुण सूद के मुंह की बजाए गले पर मास्क लटका होता है। महिला प्रधान ने सवाल उठाया कि यह जनता के बीच क्या उदाहरण पेश कर रहे है। उन्होंने नसीहत दी है सार्वजनिक समारोह में मास्क का इस्तेमाल गले और हाथो की बजाए मुह पर होना चाहिए।

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