कोरोना के बीच शिक्षा..खुलेंगे सरकारी स्कूल; शिक्षा मंत्री बोले- वहां कोरोना का ज्यादा रिस्क नहीं, विशेषज्ञों की ली जाएगी राय. शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर का तर्क- सरकारी स्कूल में गांव के बच्चे आते हैं
दो शिफ्ट में चल सकते हैं स्कूल, 15-15 बच्चों को पढ़ाने में कोई परेशानी नहीं

बंटी शर्मा सुनारिया

कोरोना काल के दौरान पांच महीनों से बंद स्कूलों को खोलने की सरकार रणनीति तैयार कर रही है। बाकायदा विशेषज्ञों की राय ली जी है, उसी के अनुसार स्कूलों को खोला जाएगा। हालांकि सरकार प्राइवेट की बजाय सरकारी स्कूलों को खोलने में ज्यादा तवज्जो दे रही है।

शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर भी खुद मान रहे हैं कि सरकारी स्कूल खोलने में ज्यादा रिस्क नहीं है, क्योंकि एक गांव में स्कूल हैं और उसी गांव के बच्चे आते हैं। ऐसे में दो शिफ्टों में 15-15 बच्चों को पढ़ाने में कोई परेशानी नहीं होगी। हालांकि अभी तक कोई फाइनल नहीं किया गया है। इसके लिए विशेषज्ञों की राय ली जा रही है, उसके बाद ही स्कूल खोले जाएंगे

ये है शिक्षा मंत्री का तर्क

शिक्षा मंत्री शुक्रवार को वन विभाग परिसर में पौधरोपण करने के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे। शिक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया कि 12वीं के स्कूलों में आसपास के तीन-चार गांवों के बच्चे आते हैं। बच्चे किसी सांझा व्हीकल या गाड़ी में नहीं बल्कि पैदल या फिर साइकिल पर आते हैं। ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग बनी रहेगी। इसके लिए बाकायदा विशेषज्ञों की राय ली जा रही है

प्राइवेट स्कूल सिर्फ ट्यूशन फीस लें

प्राइवेट स्कूलों की ओर से फीस भरने के दबाव के सवाल पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि स्कूल प्रबंधकों को आदेश दिए गए हैं कि केवल ट्यूशन फीस ही ली जाए। सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को आदेश दिए गए हैं कि जो स्कूल ट्यूशन फीस ले रहे हैं, उसे पारदर्शी तरीके से लिखित में दिया जाए। यदि कहीं गड़बड़ी पाई गई तो सख्ती कार्रवाई अमल में लाई जाएगी

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