चंडीगढ़, 24 जुलाई। ग्रामीण क्षेत्रों से निकलने वाले प्लास्टिक कूड़े को अब इकट्ठा कर लोकनिर्माण विभाग को दिया जाएगा ताकि इसका इस्तेमाल प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत बनने वाली सड़कों में किया जाएगा। उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि शुरूआत में लक्ष्य रखा गया है कि हरियाणा के गांवों से 200 टन से ज्यादा कचरा इकट्ठा किया जाए और सड़क बनाने में इसका इस्तेमाल किया जाए। उन्होंने कहा कि इससे हमारे गांव साफ होंगे और लोकनिर्माण विभाग को सड़क निर्माण के लिए मुफ्त में कच्चा माल मिलेगा। डिप्टी सीएम ने बताया कि विकास एवं पंचायत विभाग द्वारा गांवों से निकलने वाले इस कचरे के प्रबंधन के लिए यह विशेष योजना बनाई गई है। उन्होंने कहा कि कचरे को मिलाकर बनने वाली सड़क की उम्र अन्य सड़कों के मुकाबले अधिक होती है और इसमें लागत भी कम आती है।

वहीं एक अन्य महत्वपूर्ण सुधार के तहत अब गांवों में बायोगैस को बढ़ावा दिया जाएगा और इसकी शुरूआत उकलाना क्षेत्र के नया गांव से की गई है। उपमुख्यंत्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि नया गांव के 25 घरों की रसोई अब बायोगैस चल रही है और अब लक्ष्य है कि इस गांव के सभी 700 परिवारों को एलपीजी की बजाय बायोगैस दी जाए। इस गैर की लागत एलपीजी से एक तिहाई है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि अब सरकार की तैयारी राज्य के सभी 138 ब्लॉक में एक-एक गांव को बायोगैस के जरिए रसोई गैस दी जाए। इसके लिए अगले महीने सभी ब्लाकों के ब्लॉक डेवलेपमेंट आफिसरों को नया गांव का दौरा करवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि तेल और गैस का आयात कम करने के लिए देश को बायोगैस सेक्टर में आत्मनिर्भर बनाने पर काम करना जरूरी है और इसी दिशा में राज्य सरकार बायोगैस प्लांट को बढ़ावा दे रही है। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि इसके अलावा इससे महिलाओं को सिर पर गोबर उठाकर गांव से बाहर डालकर आने वाली परेशानी से निजात मिलेगी और गांवों में गोबर से पैदा होने वाली गंदगी व बीमारियों पर भी रोकथाम लगेगी। वहीं ग्रामीणों को रसोई के लिए सस्ती गैस मिलेगी तथा इससे युवाओं को रोजगार भी मिलेगा।

इसके अलावा दुष्यंत चौटाला ने ये भी बताया कि प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत केंद्र सरकार ने प्रदेश के आठ जिलों में 83 नई सड़कों के निर्माण को मंजूरी दी है। इन सड़कों के निर्माण पर कुल 383.51 करोड़ रुपये की  राशि खर्च होगी। उन्होंने कहा कि इसमें 229 करोड़ रुपये केंद्र सरकार और 154 करोड़ रुपये प्रदेश सरकार द्वारा खर्च किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि योजना के तहत दादरी जिले में 11, झज्जर में 14, जींद 9, करनाल में छह, नूंह में 11, रोहतक में 15, सिरसा में 11 और यमुनानगर जिले में 6 सड़कों का निर्माण होगा। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के बावजूद निरंतर केंद्र सरकार से चर्चा करते हुए हरियाणा ऐसा प्रथम राज्य बना है जिसको ग्रामीण क्षेत्र में इतना बड़ा सड़कों का नेटवर्क मिला हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र से मिलकर जल्द सड़कों से संबंधित इन परियोजनाओं को गति देकर ग्रामीण क्षेत्र के आधारभूत ढांचे को और विकसित किया जाएगा।

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