-तीज के त्योहार पर पतंगबाजी का बहुत महत्व
-लॉकडाउन की वजह से नया सामान ना आने की वजह से दुकानदार बीते साल का सामान बेचने को मजबूर हैं, जो ग्राहकों को भी नहीं भा रहा
अशोक कुमार कौशिक

नारनौल । देश में भले ही लॉकडाउन खत्म हो गया हो, लेकिन इसका असर अभी तक देखने को मिल रहा है. लॉकडाउन की वजह से अब त्योहार भी फीके पड़ते जा रहे हैं. हरियाली तीज पर पहले नारनौल, महेंद्रगढ़ व रेवाड़ी के बाजारों में रौनक देखते ही बनती थी, लेकिन अब ये बाजार सुनसान पड़ा है।
कोरोना की वजह से फीका हुआ त्योहारलॉकडाउन की वजह से ना तो बाजार में पहले की तरह सामान आ रहा है और ना ही ग्राहक। पतंग के शौकीन लोगों के लिए इस बार ये त्यौहार फीका ही रहा है, क्योंकि बरेली, रामपुर, अहमदाबाद, जयपुर और लखनऊ से आने वाला मांझा इस बार खराब मौसम और कोरोना संक्रमण के चलते अहीरवाल नहीं पहुंच पाया है।
–लॉकडाउन के चलते अहीरवाल के बाजारों में नहीं पहुंचा बरेली का मांझा ।
तीज के त्योहार पर पतंगबाजी का बहुत महत्व है।लॉकडाउन की वजह से नया सामान ना आने की वजह से दुकानदार पिछली साल का सामान बेचने को मजबूर हैं जो ग्राहकों को भी नहीं भा रहा है। दुकानदारों के मुताबिक पहले तीज के त्योहार पर भरपूर खरीदारी होती थी। इस साल ये ना के बराबर रह गई है । दुकानदारों ने बताया कि नाम मात्र के ही ग्राहक आ रहे हैं क्योंकि उनकी पसंद का माल अब उन्हें उपलब्ध नहीं हो रहा ।ग्राहक जिस तरह के माल की डिमांड करता है वो इस साल उपलब्ध नहीं होने की वजह से मायूस होकर ही वापस लौट रहे हैं, जो माल पिछले साल का बचा हुआ है वही बेचा जा रहा है। जिसकी वजह से दुकानदार आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं।