मामला हेली मंडी आर ओ बी के साथ सर्विस रोड का.
बीते 6 जुलाई को धंसा ट्राला और अब खच्चर रेहड़ी

फतह सिंह उजाला
पटौदी।
 विकास कार्यों की कड़ी में बने बनाए मजबूत सीसी रोड को तोड़ना और फिर काम करने के बाद उसे सही प्रकार से बनाना संबंधित विभागों की जिम्मेदारी ही नहीं जवाबदेही भी है । लेकिन आनन-फानन में  काम को निपटा कर खानापूर्ति करके संबंधित विभाग और अधिकारी पल्ला झाड़ते हुए अपनी अपनी पीठ ठोक लेते हैं ।

ऐसे किए जाने वाले तमाम कार्यो की पोल मानसून के मौसम अथवा मानसून के दौरान ही खुलती है और खुल भी रही है । बुधवार को वही हुआ की सड़क एक मामूली सी खच्चर रेहड़ी का बोझ भी सहन नहीं कर सकी और धड़ाम से धस गई । जैसे ही खच्चर रेहड़ी का पहिया सड़क में धंसा , खच्चर भी असंतुलित होकर रेहडी के साथ-साथ गिर गया । मौके पर मौजूद लोगों ने दौड़कर गिरे खच्चर को खड़ा किया और बड़ी मशक्कत के बाद सड़क के खड्डे में धंसी खच्चर रेहड़ी को बाहर निकाला ।

इससे पहले इसी माह 6 जुलाई को भी हेलीमंडी में आरोबी के साथ सर्विस रोड पर एक भारी-भरकम ट्राला बुरी तरह से सर्विस रोड पर धंस गया था।  ट्राला धंसा ही नहीं ट्राले के 2 टायर भी फट गए थे। इसके बाद भी संबंधित विभाग के द्वारा कोई सबक नहीं लिया गया । मानसून की बरसात शुरू हो गई, बरसात का पानी अब विकास के नाम पर किए गए काम में ऐसे छेद कर रहा है कि वह छेद  लंबे-चैड़े खड्डों के रूप में सामने आ रहे हैं । यही हुआ बुधवार को भी , गनीमत यह रही कि खच्चर रेहड़ी पर बैठा खच्चर को चला रहा व्यक्ति सौभाग्य से बच गया । अन्यथा उसको भी गंभीर चोटें आ सकती थी । स्थानीय अधिकारी , स्थानीय प्रशासन, इस प्रकार की घटनाओं पर संबंधित विभाग और अधिकारियों के खिलाफ भी मानसून में नरम हो जाने वाली मिट्टी की तरह ही नरम दिख रहा है और इसका खामियाजा कहीं ना कहीं वाहन चालको , बेजुबान जानवरों व अन्य लोगों को भुगतना पड़ रहा है ।

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