लालजी टंडन का मेदांता अस्पताल में करीब डेढ़ महीने से इलाज चल रहा था. लालजी टंडन के किडनी और लिवर में दिक्कत के बाद उन्हें एडमिट कराया गया था.

. मध्य प्रदेश के गवर्नर लालजी टंडन का मंगलवार सुबह लखनऊ के मेदांता हॉस्पिटल में निधन हो गया. वे 85 वर्ष के थे. यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री और बेटे आशुतोष टंडन ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी. लालजी टंडन का मेदांता अस्पताल में करीब डेढ़ महीने से इलाज चल रहा था. लालजी टंडन के किडनी और लिवर में दिक्कत के बाद उन्हें एडमिट कराया गया था

11 जून से अस्पताल में थे भर्ती

टंडन को गत 11 जून को सांस लेने में परेशानी, बुखार और पेशाब में दिक्‍कत के कारण अस्‍पताल में भर्ती किया गया था. टंडन की तबीयत खराब होने के चलते उत्तर प्रदेश की राज्‍यपाल आनंदीबेन पटेल को मध्‍य प्रदेश का अतिरिक्‍त कार्यभार दिया गया है. मूल रूप से उत्तर प्रदेश की राजनीति में सक्रिय रहने वाले टंडन प्रदेश की बीजेपी सरकारों में कई बार मंत्री भी रहे हैं और अटल बिहारी वाजपेयी के सहयोगी के रूप में जाने जाते रहे. इन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी के चुनाव क्षेत्र लखनऊ की कमान संभाली थी और  उनके निधन के बाद लखनऊ से ही 15वीं लोकसभा के लिए भी चुने गए.

बिहार और मध्य प्रदेश के गवर्नर रहे

लालजी टंडन को 2018 में बिहार का गवर्नर बनाया गया. इसके बाद 2019 में उन्हें मध्य प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया गया. लखनऊ में लालजी टंडन की लोकप्रियता समाज के हर समुदाय में थी. वे पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के काफी करीबी और अहम सहयोगी भी थे. साल 2004 में लोक सभा के चुनाव की पूर्व संध्या पर टंडन अपने जन्म दिवस के अवसर पर महिलाओं को साड़ी बांट रहे थे जिसमें अचानक भगदड़ मच गई और 21 महिलाओं की मौत हो गई. हालांकि बाद में टंडन को इस मामले में सभी आरोप से मुक्त कर दिया गया.

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